नई दिल्‍ली । महाराष्ट्र की ट्रेनी IAS डॉक्टर पूजा खेडकर के बाद अब उनकी मां मनोरमा खेडकर भी चर्चा में आ गई हैं। हाल ही में उनका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वह पत्रकारों के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर रही है। कहा जा रहा है कि इस दौरान उन्होंने पत्रकारों को जेल भेजने की धमकी भी दी है। हाल ही में उनका पुणे से वाशिम ट्रांसफर किया गया है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि जब पत्रकार पूजा खेडकर के घर पर पहुंचे, तो वहां मौजूद उनकी मां भड़क गईं। रिपोर्ट के अनुसार, ट्रेनी अधिकारी की मां ने कहा, ‘अगर मेरी बेटी ने खुदकुशी कर ली, तो मैं सभी को जेल भिजवा दूंगी।’ मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कथित तौर पर प्रशासनिक सेवा से रिटायर हो चुके पूजा के पिता पर भी बेटी की मांगों के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाने के आरोप हैं।

घर पहुंची पुलिस

इस बीच पुणे पुलिस की एक टीम खेडकर के बंगले पर लालबत्ती और वीआईपी नंबर संबंधी उल्लंघन के सिलसिले में ऑडी कार का निरीक्षण करने गई, तो उसे बंगले के द्वार बंद मिले। परिसर में मौजूद उसकी मां ने मीडिया को इस दृश्य का वीडियो बनाने से रोकने का प्रयास किया।

केंद्र ने गठित की समिति

केंद्र ने विवादों में घिरीं पूजा खेडकर के ‘उम्मीदवारी दावों और अन्य विवरणों’ की जांच के लिए गुरुवार को एक सदस्यीय समिति का गठन किया। खेडकर पर दिव्यांगता और ओबीसी कोटा का दुरुपयोग करने का आरोप है। केंद्र ने एक बयान में कहा कि 2023 बैच की अधिकारी, जिन्हें महाराष्ट्र कैडर आवंटित किया गया है, की उम्मीदवारी के दावों और अन्य विवरणों को सत्यापित करने के लिए एक अतिरिक्त सचिव स्तर के अधिकारी द्वारा जांच की जाएगी। बयान में कहा गया है कि समिति दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

इस बीच, खेडकर ने गुरुवार को विदर्भ क्षेत्र के वाशिम जिला समाहरणालय में सहायक जिलाधिकारी के रूप में अपना नया पदभार संभाल लिया। उनका स्थानांतरण पुणे से हुआ था, जहां उन्होंने लोगों को कथित तौर पर धमकाया था और अपनी निजी ऑडी कार पर लाल बत्ती भी लगा रखी थी। खेडकर (34) पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल होने के लिए शारीरिक दिव्यांगता श्रेणी और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा के तहत लाभों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया गया है।

उन्हें अनुचित व्यवहार के आरोपों के कारण सोमवार को पुणे से वाशिम स्थानांतरित कर दिया गया था। अपनी पिछली कार्यप्रणाली में उल्लेखनीय बदलाव करते हुए, खेडकर गुरुवार को वाशिम स्थित अपने कार्यालय में एक बोलेरो कार में पहुंचीं।