मुरैना। हाईकोर्ट से नगरपालिक निगम महापौर श्रीमती शारदा राजेन्द्र सोलंकी को अंतरिम राहत मिल गई है। उच्च न्यायालय के विद्वान न्यायाधीश मिलिन्द रमेश फडक़े ने आगामी सुनवाई की तिथि तक जिला न्यायालय के फैसले को स्थगित कर दिया है। इससे महापौर समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। महापौर श्रीमती सोलंकी के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज किये जाने के आदेश पर स्थगन मिलने के बाद उन्होंने राहत की सांस ली है।
महापौर श्रीमती सोलंकी के विरुद्ध विरोधी भाजपा प्रत्याशी श्रीमती मीना मुकेश जाटव ने शिकायत दर्ज कराई कि श्रीमती सोलंकी की 10वीं कक्षा की अंकसूची फर्जी है। इसकी जांच पुलिस द्वारा करने के बाद मुरैना जिला एवं सत्र न्यायालय की प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट देशना जैन ने 30 सितंबर को फैसला दिया कि महापौर निर्वाचन 10वीं की फर्जी अंकसूची लगाने के लिये दोषी महापौर श्रीमती शारदा राजेन्द्र सोलंकी के विरुद्ध थाना सिविल लाइन पुलिस धोखाधड़ी व कूटरचित दस्तावेज उपयेाग करने का मामला दर्ज कर 7 दिवस में न्यायालय को अवगत करायें। इस फैसले से भाजपा की राजनीति में हडक़म्प मच गया। श्रीमती सोलंकी ने महापौर का निर्वाचन कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में हुआ था।
परिस्थितिवश वह कुछ समय पूर्व भाजपा में शामिल हो गईं थी। वर्तमान में भाजपा की महापौर के रूप में कार्यरत है। महापौर द्वारा फर्जी अंकसूची का उपयोग नामांकन में किये जाने की शिकायत तात्कालीन भाजपा के महापौर प्रत्याशी श्रीमती मीना मुकेश जाटव द्वारा की जाकर जांच कराई गई थी। मुरैना न्यायालय से हुये फैसले के विरूद्ध महापौर श्रीमती सोलंकी ने उच्च न्यायालय की शरण ली। यहां मामले की प्रथम सुनवाई करते हुये विद्वान न्यायाधीश ने आगामी सुनवाई की तिथि तक स्थगन दिया है।