मुरैना । आखिर पीडि़तों के स्वजन मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हो गए। अब वे शवों को एंबुलेंस से उतारकर उन्हें अंतिम संस्कार के लिए ले जा रहे हैं। हालांकि पहले स्वजन आरोपितों को पकड़ने, उनके मकान तोड़ने व शस्त्र लाइसेंस दिए जाने की मांग पर अड़े थे। शनिवार सुबह प्रशासन व पुलिस अफसरों ने स्वजनों को समझाइश दी और उन्हें उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया। इसके बाद स्वजन अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हो गए।यहां बता दें कि जमीन विवाद को लेकर लेपा गांव में शुक्रवार को हुए खूनी संघर्ष में एक ही परिवार के छह लोगों की हत्या कर दी गई। घटनाक्रम के बाद शवों का पीएम कराकर पुलिस लेपा गांव ले गई। लेकिन सभी शव एंबुलेंस में ही रखे हैं। स्वजन तब तक शव लेकर उनका अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार नहीं थे। जब तक आरोपितों के मकान पर बुलडोजर नहीं चल जाता और उन्हें बंदूक के लाइसेंस नहीं मिल जाते। मृतकों के स्वजन किसी भी कीमत पर अपनी मांगों के पूरा न होने तक अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में पुलिस प्रशासन का सिरदर्द बढ़ रहा है और गांव में तनाव भी था ।

लाइसेंस देने में प्रशासन को है दिक्कत

पीडि़त पक्ष को शस्त्र लाइसेंस देने में पुलिस व प्रशासन को खासी दिक्कत है। क्योंकि नियमानुसार हत्या और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर अपराध के आरोपित को शस्त्र लाइसेंस नहीं दिया जा सकता। पीडि़त परिवार में जो लाेग हैं उनके ऊपर कोई न कोई अपराधिक मामला है। ऐसे में प्रशासन उन्हें लाइसेंस नहीं दे सकता। हालांकि प्रशासन के अफसरों ने स्वजनों के सामने प्रस्ताव रखा था कि वे अपने घर की महिलाओं के नाम पर लाइसेंस ले सकते हैं। लेकिन इसके लिए वे तैयार नहीं है। ऐसे में अंतिम संस्कार करने में गतिरोध आ रहा है।

मकान तोड़ने के लिए भी जांच जरूरी

पीडि़तों की आरोपितों के मकान को तोड़ने की भी मांग है। लेकिन इसके लिए भी प्रशासन व पुलिस को पहले मकानों की जांच करना है कि वे वैध हैं या अवैध। ऐसे में अभी जांच नहीं हो पाई है। ऐसे में प्रशासन मकान भी नहीं तोड़ पा रहा है।

मध्य प्रदेश के मुरैना ज़िले के खूंखार डकैत रहे पान सिंह तोमर के भिड़ोसा गाँव से सटा लेपा गाँव में शुक्रवार की सुबह हुए खूनी संघर्ष में एक ही परिवार के 6 लोगो गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। गाँव के इन दोनों परिवारों के बीच 10 साल पुरानी दुश्मनी चली आ रही है। घटना में 6 लोगो की मौत हो जाने के बाद गाँव छावनी में तब्दील है और परिजन मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए तैयार नहीं हैं, इसलिए गाँव में पूरी रात शवों के पास पुलिस के बड़े अधिकारी तैनात रहे।

गाँव वालों और परिजनों की माँग है कि जिस परिवार ने लोगो की हत्या की है उनकी जल्द से जल्द गिरफ्तारी की हो और उनके मकानों पर बुलडोजर चलाया जाए। साथ परिजनों की माँग है कि घटना में अनाथ हुए बच्चों के भरण पोषण से लेकर पढ़ाई-लिखाई का जिम्मा सरकार उठाए। गाँव में परिजनों ने मृतकों के शवों का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है। रातभर पुलिस के अधिकारी परिजनों को मनाते रहे, लेकिन उसके बाद भी उन्होंने अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया। घटना वाले गांव में तनाव बना हुआ है। पुलिस को डर है कि कही गाँव में उपद्रव जैसी स्थित न बन जाये।

पूरे गांव को छावनी में किया तब्दील

गोली कांड के बाद से ही भारी पुलिस बल गांव में पहुंच चुका है। दूसरे दिन भी गांव की गली-गली में रिजर्व फोर्स का बल तैनात है। पुलिस एक दिन पहले यानी शुक्रवार की शाम को शवों के पोस्टमार्टम के बाद शव गांव लेकर पहुंच चुकी थी। लेकिन परिजनों ने शव लेने से मना कर दिया। इसके बाद पुलिस ने शवों को एंबुलेंस में रखकर गांव की स्कूल में ही रात गुजारी।

इस दौरान पुलिस ने परिजनों को मनाने का काफी प्रयास किया, लेकिन परिजन नहीं माने। इसके बाद पुलिस के आला अधिकारी वापस मुरैना लौट गए और सुबह होते ही वापस मोर्चा संभाला। पुलिस दोबारा से परिजनों को मनाने का प्रयास कर रही है, लेकिन परिजन अपनी मांगों पर अड़े हुए है।

मुरैना के लेपा भिड़ोसा गांव में शुक्रवार सुबह एक परिवार के 6 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने बताया कि गांव के 2 परिवारों के बीच पिछले 10 साल से रंजिश चल रही है। इसके चलते ही शुक्रवार को एक परिवार ने दूसरे परिवार पर फायरिंग कर दी। 3 पुरुष और 3 महिलाएं मारी गई हैं, सभी एक ही परिवार के हैं। 3 लोग घायल हैं। इसी गांव के रविंद्र सिंह कांग्रेस विधायक हैं।

बता दें शुक्रवार की सुबह गाँव में पुरानी रंजिश के चलते दो परिवारों में विवाद हुआ और उसके बाद एक पक्ष के परिवार वालों ने दूसरे पक्ष के परिवार में 6 लोगो को गोली मार दी,जिसमें तीन महिला और तीन पुरुषों की मौत हो गई है। इस घटना में 6 लोगों की मौत के अलावा अभी दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं जिनका ग्वालियर में इलाज जारी है। यह खूनी घटना पूरे मध्य प्रदेश में आग की तरह फैल गई है।

इस गोलीकांड में गजेंद्र सिंह तोमर (65) उसके दो बेटे संजू सिंह तोमर (40), सत्यप्रकाश तोमर (36) और तीन बहुएं बबली पत्नी नरेंद्र सिंह, मधु पत्नी सुनील सिंह, केशकुमारी पत्नी वीरेंद्र सिंह की मौत हो गई। दो बेटे वीरेंद्र तोमर, नरेंद्र तोमर और परिवार का विनोद तोमर घायल हो गए।