सागर । सागर के झांसी-सागर रोड पर स्थित नरयावली विधानसभा क्षेत्र के मैहर ग्राम में दूषित पानी पीने से करीब 250 से अधिक लोगों की तबीयत बिगड़ गई। उनको उल्टी दस्त की शिकायत होने लगी। हालत बिगड़ने पर मरीजों को बीएमसी और आसपास के स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
मामले की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आया। स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव भेजी गई है। टीम गुरुवार की देर रात तक गांव में मरीजों का उपचार करती रही। वहीं, पीएचई विभाग की टीम ने पानी के सैंपल लिए हैं, जो जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। इस मामले में क्षेत्रीय विधायक प्रदीप लारिया ने कलेक्टर से चर्चा की और इलाज के समुचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए। कलेकटर दीपक आर्य मेहर ग्राम में पहुंचे और बीएमसी में मरीजों का हालचाल जाना। इसमें ललन बंसल नामक व्यक्ति की मौत की खबर भी सामने आई है।
कलेक्टर पहुंचे ग्राम में और अस्पताल में देखा मरीजों को
कलेक्टर दीपक आर्य नरयावली विधानसभा क्षेत्र के ग्राम मैहर पहुंचे। जहां उन्होंने गत रात्रि उल्टी दस्त प्रभावित परिवारों से चर्चा की एवं आवश्यक अधिकारियों को निर्देश दिए। इस अवसर पर एसडीएम विजय डेहरिया, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ममता तिमोरे, पीएचई के अधिकारी हेमंत कश्यप सहित अन्य अधिकारी, डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ मौजूद था। नरयावली विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ग्राम मेहर में हुए हैजा के प्रकोप से प्रभावित मरीजों को तत्काल और अच्छी स्वास्थ्य सुविधा प्राप्त हो सके। इस हेतु नरयावली विधायक इंजीनियर प्रदीप लारिया ने उप मुख्यमंत्री एवं लोक स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र शुक्ल से चर्चा कर जांच हेतु एक विषेष टीम भेजने का अनुरोध किया। विधायक लारिया के अनुरोध पर उप मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री ने शीघ्र विशेष टीम भेजने की सहमति प्रदान की।
अस्थाई अस्पताल की गई तैयार
ग्राम मेहर में उल्टी दस्त से प्रभावित व्यक्तियों का हर संभव इलाज किया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा में स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ममता तिमोरे द्वारा कार्रवाई करते हुए ग्राम मेहर में अस्थाई अस्पताल तैयार की गई एवं डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती सुनिश्चित की गई है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि ग्राम मेहर में सेक्टर मेडिकल ऑफिसर डॉ. अंकिता राय ने ग्राम मेहर में उल्टी दस्त फैलने की सूचना दी गई। उसके बाद तत्काल ग्राम मेहर में कामवेट टीम को भेजा गया, जिसमें सीबीएमओ डॉ. विकेश फुसकेले, डॉ. अंकिता राय द्वारा ग्राम का भ्रमण किया गया एवं ट्यूबवेल का पानी दूषित होने से ग्राम वासियो में उल्टी दस्त की बीमारी होना पाया गया।
251 मरीजों का हुआ इलाज
अब तक 251 उल्टी दस्त के मरीजों का इलाज किया गया। इसमें से 42 मरीजों को ग्राम मेहर के अस्थाई अस्पताल में ही आई फ्लूड लगाकर इलाज किया गया एवं 63 गंभीर मरीजों को इलाज हेतु जिला चिकित्सालय एव बीएमसी भेजा गया, जिसमें 42 मरीजों को जिला चिकित्सालय में 14 मरीजो को बीएमसी में एवं सात मरीज भाग्योदय अस्पताल में भर्ती है। डॉ. ममता तिमोरे सीएमएचओ ने बताया कि कामवेट टीम को उचित इलाज एवं बीमारी की रोकथाम हेतु निदेर्शित किया गया। उल्टी दस्त के मरीजों के इलाज हेतु कामवेट टीम जो कि अस्थाई अस्पताल में सीबीएमओ के निदेशन में मरीजों का इलाज निरंतर जारी है।
दूषित ट्यूबवेल के पानी का उपयोग ग्रामवासियों को न करने की सलाह दी गई है। ग्रामवासियों को उबला पानी पीने की सलाह दी गई है एवं ग्राम में मरीजों के इलाज हेतु अस्थाई अस्पताल बनाई गई है। बीमारी की रोकथाम तक कामवेट टीम को गांव में ही चिकित्सा सेवा देने हेतु आदेशित किया गया है। आशा एवं एएनएम द्वारा बीमारी की रोकथाम हेतु ओआरएस पैकेट का वितरण किया जा रहा है। ग्राम मेहर की अस्थाई अस्पताल में डॉ. अंकिता राय SMO नरयावली, डॉ. तपस्या रानी कबीरपंथी AMO नरयावली, डॉ. भूपेन्द्र अहिरवार AMO SHC मेहर, डॉ. पायल CAMO अलग-अलग समय पर डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे।