नई दिल्‍ली । देश में कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है और पिछले एक सप्ताह में नए मामलों में तेजी आई है, जिसके बाद एक्टिव केस की संख्या 70 हजार के पार पहुंच गई है. इस बीच एक्सपर्ट्स का कहना है कि कोवैक्सीन की बूस्टर डोज कोविड-19 के डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ टीके के प्रभाव को बढ़ाती है.

वैक्सीन को लेकर की गई स्टडी में सामने आई ये बात
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) और भारत बायोटेक (Bharat BioTech) के द्वारा कोवैक्सीन को लेकर की गई स्टडी में सामने आया है कि बूस्टर डोज डोज डेल्टा वेरिएंट के अलावा ओमिक्रॉन के खिलाफ भी प्रभाव को बढ़ाती है. कोवैक्सीन की वूस्टर डोज ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट BA.1.1 और BA.2 के खिलाफ भी प्रतिरक्षा को मजबूत करती है.

बूस्टर डोज से बढ़ती है सुरक्षात्मक क्षमता
स्टडी में कहा गया है कि सीरियन हैमस्टर मॉडल (मनुष्य से जुड़ी बीमारियों का अध्ययन करने वाले पशु मॉडल) में डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) के खिलाफ कोरोना वैक्सीन की दो और तीन डोज के बाद भारत बायोटेक की कोवैक्सीन से मिलने वाली सुरक्षात्मक क्षमता बढ़ती है. इसके अलावा ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट के खिलाफ भी इसके प्रभाव का अध्ययन किया गया.

बूस्टर डोज लेने वालों पर कम हुआ संक्रमण का असर
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और भारत बायोटेक ने कहा, ‘डेल्टा संक्रमण के अध्ययन में जब हमने दूसरी और तीसरी खुराक के बीच सुरक्षात्मक प्रतिक्रिया की तुलना की, तो हम बूस्टर खुराक के फायदे को देख पाए. वायरस को निष्क्रिय करने वाली एंटीबॉडी का स्तर तुलनात्मक था, लेकिन टीकाकरण की तीन खुराकों के बाद फेफड़ों की बीमारी की गंभीरता कम पाई गई.’

दूसरी स्टडी में वैक्सीन की तीसरी डोज के बाद ओमिक्रॉन के सब-वेरिएंट बीए.1 और बीए.2 के खिलाफ सुरक्षात्मक प्रतिक्रिया का अध्ययन किया गया. अध्ययन में प्लेसेबो समूहों के मुकाबले टीके की खुराक लेने वाले समूहों में कम वायरस शेडिंग, फेफड़ों का कम संक्रमण और फेफड़े की बीमारी की गंभीरता कम पाई गई.

रोजाना आ रहे हैं कोरोना के 12 हजार से ज्यादा मामले
भारत में कोरोना वायरस (Coronavirus in India) के नए मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है और रविवार (19 जून) को देशभर में 12899 नए केस सामने आए थे. इससे पहले शनिवार को देश में 12805, शुक्रवार को देश में 13079, गुरुवार को 12847 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई थी. देश में नए मामलों के बढ़ने के साथ ही एक्टिव मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ने लगी है और अभी 70 हजार से ज्यादा संक्रमितों का इलाज चल रहा है.