भोपाल । राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने सड़क हादसों और आत्महत्या को लेकर वर्ष 2020 की रिपोर्ट जारी की है। एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक आत्महत्या के मामलों में प्रमुख वजह पारिवारिक विवाद है। मध्य प्रदेश में इस वजह से 3769 मामले सामने आए। इनमें से 3303 लोगों की मौत हुई। जहरीली शराब से मौत के सबसे अधिक 214 केस मध्य प्रदेश के रहे। इनमें 214 लोगों की ही मौत हुई थी।  एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक देश में वर्ष 2019 के मुकाबले सड़क हादसों में करीब 12 फीसद की कमी रही। दुर्घटनाओं में सबसे ज्यादा मौत 30 से 45 वर्ष के बीच वालों की रही। मध्य प्रदेश में 42396 सड़क हादसों में 11685 लोगों की मौत हुई है।

 मध्य प्रदेश में देशभर के 9.5 फीसद आत्महत्या के प्रकरण दर्ज किए गए। 2020 में प्रदेश में 14578 लोगों ने आत्महत्या की, जबकि पिछले साल ये आंकड़ा 12457 था। इस सूची में 19909 मामलों के साथ महाराष्ट्र पहले नंबर पर है। मध्य प्रदेश में आत्महत्या के मामलों में जहर खाने से संबंधित 4595 मामले आए। इनमें से 4611 की मौत हुई। मध्य प्रदेश में ड्रग के ओवरडोज से 22 लोगों की मौत हुई। मालूम हो, वर्ष 2020 में देशभर में हादसों में 374397 लोगों की मौत हुई, जबकि वर्ष 2019 में यह संख्या 421104 थी। 18 से 30 साल तक आयु वर्ग के 96738 लोगों की मौत हुई।

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