भोपाल। राजधानी के बाजारों में धनतेरस पर धन की जमकर बारिश हुई। आॅटोमोबाइल्स से लेकर रियल एस्टेट, सराफा, बर्तन, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल्स, सजावटी सामग्री सहित अन्य दुकानों व शोरूमों पर खरीदारों की इतनी भीड़ उमड़ी कि पुराने शहर के चौक, लखेरापुरा, सिंधी मार्केट, जुमेराती, आजाद मार्केट में पैर रखने की जगह नहीं बची। इसी तरह नए शहर के न्यू मार्केट, जवाहर चौक, पीएंडटी, माता मंदिर, कोटरा सुल्तानाबाद, नेहरू नगर की दुकानों पर भी खरीदारों की भीड़ रही। वहीं शहर के उपनगर कोलार, भेल, संत हिरदाराम नगर के बाजारों की सभी तरह की दुकानों पर सुबह 10 से रात 11 बजे तक लोग खरीदारी करते रहे। इससे कारोबार में व्यवसायियों की उम्मीद 60 फीसद से 20 फीसद अधिक 80 फीसद का उछाल आया। व्यवसायियों ने 300 करोड़ रुपए का कारोबार होने की उम्मीद जताई थी, पर धनतेरस पर कारोबार 500 करोड़ रुपए के पार पहुंच गया। आॅटोमोबाइल्स के क्षेत्र में बेहद उछाल आया। धनतेरस पर लोगों ने चार हजार वाहन खरीदे। वहीं दो हजार चार पहिया वाहन शहर के अलग-अलग करीब 100 वाहन डीलरों से शोरूम से बिके।  व्यवसायियों के अनुसार आटोमोबाइल्स क्षेत्र में 150 करोड़ रुपए की धनवर्षा हुई। आॅनलाइन भी लोगों ने खूब खरीदारी की। धनतेरस पर खरीदारी करने के लिए शहर के करीब 1000 एटीएम के अलावा बैंकों से लोगों द्वारा करीब 100 करोड़ रुपए की निकासी करने का अनुमान है। वहीं बड़ी संख्या में लोगों ने आॅनलाइन पेमेंट करके खरीदारी की। बैंकों के एटीएम से राशि निकलने से कई बैंकों के एटीएम खाली हो गए। अयोध्या नगर, अवधपुरी, एमपीनगर, बिट्टन मार्केट, कोलार, भेल, करोंद सहित अन्य इलाकों के कुछेक एटीएम में कैश खत्म होने लोगों को खरीददारी के लिए आॅनलाइन पेमेंट करना पड़ा।

90 करोड़ रुपए से अधिक के बिके मकान, प्लाट व बंगले
भोपाल के्रडाई के प्रवक्ता और अरबन डेवलपमेंट एक्सपर्ट मनोज मीक ने बताया कि दीपावली चलते एक सप्ताह से बाजार में रौनक बढ़ी है बाजारों में ग्राहकों की अच्छी भीड़ उमड़ी। कोरोना के कारण तंगहाली और आर्थिक सुस्त के बावजूद बाजार में अच्छा उछाल देखने को मिला। धनतेरस पर बिजनेस ग्रोथ बढ़ेगा। रियल सेक्टर में 80 से 90 करोड़ रुपए से अधिक के मकान, प्लाट, फ्लैट्स और बंगलो ज बिके।

बर्तनों की खनक से चमके बर्तन बाजार
धनतेरस पर सबसे ज्यादा लोग बर्तन ही खरीदते हैं। ऐसे में बर्तन में इस बार पीतल के लोटे और चांदी के साथ ही तांबे के लोटे की मांग रही। स्टील के बर्तन भी लोगों ने खूब खरीदे। 80 से लेकर 1000 से अधिक है, पीतल के लोटे की कीमत 200 से लेकर हजारों में है। कारोबारियों की मानें तो धनतेरस पर 35 करोड़ रुपए का बर्तनों का बिक्री हुई।

कपड़ा व एफएमसीजी समेत बाजार में रौनक
इसके साथ ही गारमेंट्स और अन्य दुकानों पर भी खासी भीड़ नजर आ रही है। कपड़े के बाजार में भी रिस्पांस नजर आ रहा है। दीपावली पर हर व्यक्ति कपड़े खरीदता है, ऐसे में बाजार में अच्छी भीड़ नजर आई। कुल मिलाकर उ मीद के अनुरूप इस बार दीपावली पर भोपाल के बाजार झूमे। लोग भी घरों से निकल कर दीवाली को विशेष दिवाली बनाने की चाह में कपड़ों की खरीदारी की। राजधानी वस्त्र व्यवसायी संघ के अध्यक्ष श्यामबाबू अग्रवाल के अनुसार इस बाजार में करीब 30 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ।

दस किलो सोना, एक हजार किलो से अधिक बिकी चांदी
भोपाल सराफा एसोसिएशन के सदस्य और प्रवक्ता नवनीत अग्रवाल के अनुसार सराफा बाजार धनतेरस से खूब झूमा। सोने व चांदी के आभूषणों के अलावा मूर्ती, बर्तन सिक्कों की अच्छी मांग रही। धनतेरस पर बिजनेस ग्रोथ 50 प्रतिशत अधिक रहा और देर रात तक सरार्फा बाजार गुलजार रहा है। एक आंकलन के अनुसार धनतेरस पर 10 किलों से अधिक सोना और एक हजार किलों से अधिक चांदी बिक्री। राशि की बात करें से सरार्फा बाजार में 120 करोड़ रुपए के आसपास धनवर्षा हुई।

बाजार में रंग-बिरंगे सजावटी झालरों की भरमार
दीपावली को लेकर इलेक्ट्रिक बाजार में अच्छी चहल पहल रही। बाजार में रंग-बिरंगे सजावटी झालरों को लोगों खूब खरीदा। झालरों में मोमबत्ती एवं दीया के अलावे फुल पत्ती के झालर सर्वाधिक बिके। आधुनिकता के दौर में बाजार में हर वर्ष नए तरह के लाइट आने से लोगों का रूझान इस ओर काफी ज्यादा बढ़ा है। इसके अलावा गि ट की दुकान वालों ने भी अच्छा व्यापार किया। बाजार पंडितों के अनुसार इस सेक्टर में 15 करोड़ रुपए का व्यापार हुआ। इसके अलावा घर गृहस्थी के दैनिक उपयोग की वस्तुओं के अलावा साजो-सामान सहित विभिन्ना ट्रेडों के बाजारों के आयटमों के मिलकार करीब 20 करोड़ रुपए का व्यापारियों ने बिक्री की।

एक नजर में कारोबार
150 करोड़ रुपए आॅटोमोबाइल्स।
120 करोड़ रुपए सराफा।
90 करोड़ रुपए से अधिक रियल एस्टेट।
60 करोड़ रुपए इलेक्ट्रॉनिक्स।
35 करोड़ रुपए बर्तन।
30 करोड़ रुपए कपड़ा।
15 करोड़ रुपए सजावटी सामग्री।
20 करोड़ रुपए दीपक, मूर्तियां, किराना आदि।

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