बुरहानपुर। MP में बुरहानपुर जिले के स्वामीनारायण मंदिर परिसर में एक अनोखा मंदिर बनाया गया है। सांख्य योगी (तपस्वी) मंदिर या बहनों के इस मंदिर का निर्माण तपस्वी बहनों के लिए किया गया है।
पूरे निमाड़ क्षेत्र में यह पहला मंदिर है, जो केवल महिलाओं के लिए बनाया गया है। इस मंदिर में मंगलवार यानी आज भगवान की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा आचार्य श्रीराकेश प्रसाद दासजी ने की। वहीं, मंदिर का उद्घाटन भी किया गया। यह मंदिर ढाई हजार वर्ग फिट में बना हुआ है। इस मंदिर में पुरुषों को आना वर्जित होगा। यहां केवल महिलाएं ही प्रवेश कर सकती है। यह विशेषकर महिलाओं के लिए ही निर्माण कराया गया हैं।इस मंदिर में सारी सुविधाएं उपलब्ध है।
लिफ्ट से लेकर यहां रूकने के लिए सुसज्जित घनश्याम भुवन का निर्माण भी किया गया हैं, बाहर से आने वाली बहने इस घनश्याम भुवन में रह सकती है। भगवान स्वामिनारायण की आराधना के लिए यहां भगवान की मुर्ती की प्राण प्रतिष्ठा भी आज आचार्य श्री राकेश प्रसाददासजी स्वयं भगवान स्वामिनारायण के वंशज हैं। वडताल धाम के 9वें गादीपति हैं। उन्होंने भी इस मंदिर की तारिफ करते हुए कहा कि यह सौभाग्य की बात हैं कि बुरहानपुर में भी इस तरह के मंदिर का निर्माण किया गया हैं।
वहीं, महिला भक्तों ने भी इस मंदिर के प्रति अपनी खुशी व्यक्त करते हुए बताया कि किस प्रकार महिलाओं को अलग मंदिर मिलने से भगवान की आराधना में कोई परेशानी नहीं होगी। यहां महिलाएं स्वतंत्र रूप से अपने आराध्य की पूजा अर्चना कर सकेंगी।मंदिर के कोठारी पीपी स्वामी ने बताया कि स्वामीनारायण संप्रदाय में यह 300 साल पुरानी परंपरा है। देशभर में ऐसे करीब 5 हजार से ज्यादा और विदेशों में 1 हजार से ज्यादा सांख्य योगी मंदिर हैं। देशभर में 10 हजार से ज्यादा और विदेशों में 3 हजार से ज्यादा सांख्य योगी हैं।
स्वामीनारायण मंदिर में 150वें सार्घ शताब्दी महोत्सव के दिन भगवान के दुग्ध अभिषेक से शुरुआत हुई। देशभर से पधारे संतों, भगवान स्वामीनारायण के वंशज और नौवें गादीपति आचार्य राकेश प्रसाददास ने 501 लीटर दूध और फलों के रस, केसर, शहद, शर आदि से जलाभिषेक किया। जलाभिषेक के लिए ताप्ती, गंगा, गोदावरी, यमुना और शिप्रा जैसी पांच नदियों के जल और मुंबई से लाए हुए समुद्र के जल से किया गया। मंदिर में सुबह 5।30 बजे से ही भक्तों का तांता लगने लगा। करीब 8 बजे तक जलाभिषेक चलता रहा।