भोपाल। भोपाल. मध्यप्रदेश की राजधानी में आतंकी घुस आए हैं। शुक्रवार सुबह भारत भवन में आतंकवादियों के घुसने की सूचना मिली। इससे पूरे इलाके में खलबली मच गई, आतंकियों ने मौजूद लोगों को कब्जे में ले लिया। आतंकियों ने बम विस्फोट किया। इधर एनएसजी की टीम भी पहुंच गई और मशक्कत के बाद आतंकियों को गिरफ्तार कर लिया।

दरअसल, यह मॉक ड्रिल (mok dril) का नजारा था। एनएसजी (NSG) की टीम ने कई जगहों पर यह मॉक ड्रिल किया। इस दौरान बड़ी संख्या में भोपाल पुलिस का बल भी तैनात रहा। मॉक ड्रिल के लिए एनएसजी कमांडो के करीब 200 जवान गुरुवार को भोपाल पहुंचे। राजधानी के अलग-अलग संस्थानों में मॉक ड्रिल किया जाना है।

 हॉस्पिटल की 11 मंजिला बिल्डिंग में जवानों ने हेलीकाप्टर के सहारे इंट्री की। हेलीकाप्टर ने जवानों को रस्सी के सहारे छत पर उतारा। इसके बाद ऑपरेशन शुरू किया गया। करीब 45 मिनट तक मॉक ड्रिल चली और जवानों ने डमी बने मरीजों को सुरक्षित निकाल दिया। 4 डमी आतंकवादियों को भी मार गिराया। हॉस्पिटल की बिल्डिंग में धमाके की आवाज आने और हेलीकाप्टर के आसपास मंडराने से लोगों में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। शुरुआत में तो वे समझ नहीं पाए कि आखिर हो क्या रहा है, लेकिन जब मॉक ड्रिल की जानकारी मिली तो राहत की सांस ली। जवानों ने रस्सी के सहारे मरीजों को नीचे उतारा।

इससे पहले NSG जवानों ने भारत भवन में भी मॉक ड्रिल की। सुबह 7.45 बजे कमांडों वहां पहुंच गए थे। इसके बाद 8.30 बजे हमीदिया हॉस्पिटल पहुंचे। मॉक ड्रिल के चलते भारत भवन और हॉस्पिटल के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। पुलिसकर्मी लोगों को आसपास घूमने से रोक रहे थे। वहीं ट्रैफिक भी डायवर्ट कर दिया गया था। NSG ने गुरुवार रात में भी आरबीआई, मंत्रालय एवं विधानसभा भवन में मॉक ड्रिल की थी।

इनमें RBI, विधानसभा, हमीदिया अस्पताल, मंत्रालय आदि स्थान शामिल हैं। इस दौरान स्थानीय पुलिस को वे हालात से निपटने की ट्रेनिंग भी देते हैं। इससे पहले गुरुवार को RBI में मॉक ड्रिल को अंजाम दिया गया । मॉक ड्रिल के चलते रास्ता बंद कर दिया गया था। RBI की तरफ वाले मुख्य मार्ग को पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर बंद कर दिया।

ब्लैक कैट कमांडो या एनएसजी कमांडो देश के सबसे खतरनाक कमांडो होते हैं । देश में होने वाली आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए एनएसजी को 16 अक्टूबर 1984 में बनाया गया था। ये काली पोशाक में पहनते हैं। इन्हें 15 दिनों तक जागने की ट्रेनिंग दी जाती है, वे बिना खाए-पिए और सोए 15 दिनों तक लड़ाई कर सकते हैं।

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