खंडवा।  खंडवा नगर निगम  की कमिश्नर सविता प्रधान एक बार फिर से चर्चा में हैं। सविता प्रधान की खंडवा से पहले मंदसौर में सीएमओ के पद पर तैनात थीं। वहां उन्होंने माफियाओं पर कार्रवाई कर खूब सुर्खियां बटोरी थी। 2021 में कमिश्नर बनकर सविता प्रधान खंडवा आई थीं। अब मेयर के साथ कमिश्नर का विवाद शुरू हो गया है। खंडवा मेयर अमृता यादव ने आरोप लगाया है कि कमिश्नर सविता प्रधान किसी की सुनती नहीं है। इसके साथ ही वह ऑफिस नहीं आती हैं। न ही पार्षदों का फोन उठाती हैं। इसकी वजह से उनके खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया है। मेयर के आरोपों पर मीडिया से बात करते हुए सविता प्रधान ने कहा है कि मैं उनके पति को मेयर क्यों मानूं।

कौन हैं सविता प्रधान
सविता प्रधान एमपी की चर्चित अधिकारी हैं। वह अपने कामों की वजह से हमेशा चर्चा में रही हैं। कुछ साल पहले वह अपने चार माह के बच्चे को लेकर ड्यूटी करती नजर आई थीं। इसके साथ ही मंदसौर सीएमओ रहते हुए उन्होंने खूब सुर्खियां बटोरी थीं। मंदसौर में माफिया अभियान का नेतृत्व करते हुए उन्होंने अफीम तस्करों पर एक्शन लिया था। अवैध रूप से बने करोड़ों के बंगलों को जमींदोज करवाया था।

2021 में बनीं खंडवा नगर निगम कमिश्नर

सविता प्रधान का तबादला जून 2021 में मंदसौर से हुआ था। वह खंडवा की पहली महिला आयुक्त है। शहर के लोगों को इनसे काफी उम्मीदें थीं। यहां तैनाती के बाद वह फिर से विवादों में आ गई हैं। मेयर अमृता यादव के साथ उनकी ट्यूनिंग नहीं बैठ रही है। आरोप है कि वह ऑफिस नहीं आती हैं। साथ ही मेयर और कुछ पार्षद यह आरोप लगा रहे हैं कि वह शहर के विकास में बाधक बन रही हैं।

सोशल मीडिया पर रहतीं एक्टिव
खंडवा नगर निगम कमिश्नर सविता प्रधान इंस्टाग्राम पर एक्टिव रहती हैं। वह तस्वीरें और कोट्स पोस्ट करते रहती हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर इस लेडी अफसर को लोग फैशन आइकॉन के रूप में भी देखते हैं। मेयर के साथ विवाद के बाद नवभारत टाइम्स.कॉम के संवाददाता ने उन्हें फोन भी लगाया है लेकिन वह फोन नहीं उठाईं।

पद से हटाने के लिए निंदा प्रस्ताव पारित
मेयर अमृता यादव ने कहा कि आयुक्त मैडम किसी की सुनती नहीं है। पार्षद फोन लगाते है तो फोन नहीं उठाना, शहरवासियों की सुनना नहीं। नगर निगम नहीं आना और घर पर किसी से मिलती नहीं है। उन्होंने कहा कि जो भी एमआईसी सदस्य हैं, उन्होंने मिलकर निन्दा प्रस्ताव का निर्णय लिया है। शहर ने हम पर विश्वास दिखाया है। हम चाहते हैं कि हमारे शहर में विकास कार्य हों। हम कमिश्नर से भी यही चाहते हैं कि शहर में विकास के कार्य हों। उनके सहयोग के बिना कार्य संभव नहीं है और वो सहयोग करती नहीं है। वो किसी की भी नहीं सुनती है। ऐसा नहीं है कि वो मेरे पति के नाते मीटिंग में बैठते हैं। वो खुद सांसद प्रतिनिधि हैं और उनको बैठने का पूरा अधिकार है।

मीटिंग नहीं चाहती हैं मेयर पति की एंट्री
दरअसल, यह पूरा विवाद मीटिंग में मेयर पति की एंट्री को लेकर है। कमिश्नर सविता प्रधान ने दो दिन पूर्व मीडिया से बात करते हुए कहा था कि मैं उनके पति को मेयर क्यों मानूं। वहीं, मेयर अमृता यादव का कहना है कि वह मेरे पति की हैसियत से नहीं, सांसद प्रतिनिधि के रूप में मीटिंग में बैठते है।