नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा है कि इस बार विधान सभा चुनाव में कई चीजें पहली बार होंगी। उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव की तारीखों का ऐलान करने से पहले हमने मिजोरम, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश और तेलंगाना में विधानसभा चुनावों की तैयारी के दौरान राजनीतिक दलों और प्रवर्तन एजेंसियों सहित सभी हितधारकों से मुलाकात की है।’’
31 अक्टूबर तक पार्टियों को चंदे की जानकारी देनी होगी
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि आपराधिक छवि वाले उम्मीदवार को अपनी जानकारी स्वयं देनी होगी। चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को अखबारों में तीन बार ये प्रकाशित कराना होगा कि उन पर किस-किस तरह के और कितने प्रकरण दर्ज हैं। वहीं, पार्टी को चुनाव आयोग को यह बताना होगा कि आपराधिक केस में फंसे प्रत्याशी को टिकट क्यों दिया है। साथ ही 31 अक्टूबर तक पार्टियों को चंदे की जानकारी देनी होगी। चुनाव के बाद खर्च की जानकारी भी देनी होगी। रिपोर्ट के बाद पार्टी को टैक्स छूट मिल सकेगी।
बुजुर्ग मतदाता घर से ही कर सकेंगे मताधिकार का प्रयोग
सीईसी ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची को समावेशी बनाने पर विशेष जोर दिया है और ध्यान ‘रोल-टू-पोल’ या यह सुनिश्चित करने पर भी होगा कि सभी मतदाता मतदान करने के लिए आएं। उन्होंने पांचों राज्यों के मतदाताओं विशेषकर युवाओं, महिलाओं एवं शहरी मतदाताओं का आह्वान किया कि वे मतदान में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें। बुजुर्ग मतदाता घर से ही अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे।
बनाए गए हैं 940 चेकपोस्ट
उन्होंने बताया कि पहली बार विधानसभा चुनावों के लिए एक नई चुनाव जब्ती प्रबंधन प्रणाली शुरू की जा रही है, ताकि प्रलोभन मुक्त चुनाव कराने के लिए निगरानी बढ़ाई जा सके। उन्होंने कहा कि अंतरराज्यीय सीमाओं पर कड़ी निगरानी और अवैध शराब, नकदी, मुफ्त सामान और ड्रग्स के प्रवाह को रोकने के लिए कुल 940 चेकपोस्ट बनाए गए हैं।
सीईसी ने साफ किया कि धनबल के इस्तेमाल को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और संदिग्ध ऑनलाइन नकद हस्तांतरण पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के मुताबिक, पांचों राज्यों – मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, राजस्थान और मिज़ोरम – में कुल मिलाकर 1.77 लाख पोलिंग स्टेशन होंगे, जिनमें से 1.01 लाख पर वेबकास्टिंग सुविधा मौजूद होगी।