उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के हजरतगंज में बीती शाम को एक बहुमंजिला आवासीय इमारत एकाएक ढह गई और उसके मलबे में बहुत सारे लोग दब गए. इन सब के बीच राहत की बात यह है कि इस इमारत से अभी तक 14 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है और तीन-चार लोगों के अभी और दबे होने की भी भारी संभावना है, इसके लिए रेस्क्यू ऑपरेशन अभी चल रहा है. इस भयानक हादसे में अभी तक एक भी मौत की सूचना प्राप्त नहीं हुआ है. यह हादसा बहुत भयंकर था कि लखनऊ में बिल्डिंग गिरने की यह घटना जिस इंसान ने भी देखी, वो सहम गया.
इस बिल्डिंग में उस समय उपस्थित इलेक्ट्रीशियन इरफान ने बिल्डिंग के गिरने की घटना को सबको बताया है. इरफान के अनुसार , वो बहुत दर्दनाक और भयावह मंजर था. इरफान के अनुसार, जब बिल्डिंग गिरी तो वो अपने सहयोगी के साथ ग्राउंड फ्लोर पर ही कार्यरत थे. वो भी इमारत गिरने के बाद मलबे में दबे. इरफान तो बाहर निकल गए, लेकिन उनकी स्कूटी अब भी वहीं मलबे में दबी हुई है. तो वहीं दूसरी मंजिर पर रहने वाली एक टीचर ने उनको बिजली के काम को करने के लिए बुलाया था. इरफान और उनके सहयोगी अंशु को सिर और कमर में चोट आई है.
असल में, लखनऊ बिल्डिंग हादसे में से अभी तक टोटल 14 लोगों को बाहर निकल लिया है. प्रशासन की कहे अनुसार बताए तो 3 से 4 लोग अभी तक दबे रह सकते हैं. ऐसा बताया जा रहा है कि एक-दो व्यक्ति अभी भी मलबे के नीचे से आवाज भी लगा रहे हैं. ये ही एक वजह है कि फिलहाल जेसीबी मशीन के जरिए रेस्क्यू ना करके कट्टर के माध्यम से एनडीआरएफ की टीम मलबे को काटकर हटा रही है. डॉक्टरों की टीम ने बीती रात मलबे के नीचे ऑक्सीजन पहुंचाया था, क्योंकि जो लोग नीचे मलबे में फंसे होंगे, उन्हें सांस लेने में परेशानी ना हो. अभी तक इस हादसे में एक भी मौत की पुष्टि न हो पाई है.
अब यूपी के डीजीपी ने बोला है कि लखनऊ इमारद हादसे में 12 घंटे से रेस्क्यू ऑपरेशन चालू है. जिसमें 5-6 घंटे और अधिक लग सकते हैं. जिनको अस्पताल ले जाया गया है, वो अभी सुरक्षित हैं. इस केस में अब तक प्राथमिकी दर्ज करना बाकी है और आरोपी को अरेस्ट भी करना है.