भोपाल। प्रदेश में तेजी से फैल रहे डेंगू ने चिंता बढ़ा दी है। राज्य में अब तक डेंगू मरीजों की संख्या 6 हजार के पार हो गई है। मंदसौर डेंगू का हॉटस्पॉट बना हुआ है। यहां अब तक 1100 से ज्यादा संक्रमित मिल चुके हैं। यही नहीं, प्रदेश के 15 जिलों में 100 से ज्यादा डेंगू के मरीजों की संख्या पहुंच गई है।
अक्टूबर के 3 दिन में ही 380 मरीज मिले हैं। इन तीन दिनों में सबसे ज्यादा केस उज्जैन में 79 मिले हैं। सरकारी रिकॉर्ड में अभी सिर्फ 5 मौत हुई है, हालांकि जानकारों का कहना है कि डेंगू मरीजों की संख्या और मौत के आंकड़े वास्तविकता में अधिक है।
सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, प्रदेश के 15 जिलों में डेंगू मरीजों की संख्या 100 के पार पहुंच गई है। इसमें मंदसौर में 1101, जबलपुर मं 666, इंदौर में 466, उज्जैन में 409, रतलाम में 391, भोपाल में 390, ग्वालियर में 308, नीमच में 264, छिंदवाड़ा में 239, आगर में 213, देवास में 142, टीकमगढ़ में 121, सागर में 115, धार में 100, खरगोन में 100 पहुंच गई है।
तीन दिन में 380 मरीज मिले
1 से 3 अक्टूबर के बीच प्रदेश में 380 नए डेंगू के मरीजों की पुष्टि हुई है। इसमें सबसे ज्यादा मरीज उज्जैन में 79 मिले हैं। इसके बाद ग्वालियर में 53, इंदौर में 39, खरगोन में 20, जबलपुर में 17, नीमच में 16 और भोपाल में 14 समेत अन्य जिलों में मरीज मिले हैं।
11 जिलों में 10 से कम मरीज मिले
प्रदेश में जनवरी 2021 से अब तक 10 से कम डेंगू मरीज 11 जिलों में मिले हैं। इसमें अनूपपुर-सिंगरौली में 1-1, हरदा में 2, उमरिया में 3, शहडोल-मंडला में 4-4, पन्ना में 5, होशंगाबाद-सीधी-बालाघाट में 7-7 और बैतूल में 8 डेंगू के मरीजों की सरकारी रिकॉर्ड में अब तक पुष्टि हुई है।
सरकारी रिकॉर्ड में पांच मौतें
प्रदेश में डेंगू के मरीजों की कई शहरों में मौत के मामले सामने आए हैं। इसके बावजूद सरकारी रिकॉर्ड में अब तक सिर्फ पांच मौतें ही रिपोर्ट की गई है। इसमें सबसे ज्यादा आगर में 2 एवं इंदौर, सिवनी, रीवा जिले में 1-1 मौत रिपोर्ट है, जबकि जबलपुर में 10 और रतलाम में पांच मौतें डेंगू से हुई हैं। इसे शामिल नहीं किया गया है।
सरकारी उदासीनता ने बढ़ाई मरीजों की संख्या
जानकारों का कहना है कि सरकारी अधिकारियों की उदासीनता के कारण डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ी है। स्वास्थ्य विभाग ने समय पर डेंगू रोकथाम एक्शन प्लान पर काम ही नहीं किया। एक्शन प्लान के अनुसार सर्वे और लार्वा नष्ट करने का काम होना था, लेकिन इसमें खानापूर्ति की गई है। यही कारण है कि डेंगू मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
3467 मरीज ही अस्पताल में भर्ती
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, 6070 डेंगू मरीजों में से अब तक 3467 मरीज अस्पताल में भर्ती हुए। इसमें से अब तक 3130 मरीज ठीक हो चुके हैं। अभी अस्पताल में 221 मरीज भर्ती हैं।
अभियान के रूप में चला रहे डेंगू नियंत्रण कार्यक्रम
स्टेट मलेरिया नोडल अधिकारी डॉ. हिमांशु जसवार का कहना है कि वर्ष 2016 में केवल 7 हजार 300 मरीजों की डेंगू की जांच की गई थी, जबकि इस वर्ष 30 हजार 302 मरीजों की अब तक जांच की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि डेंगू नियंत्रण के कार्यक्रम को अभियान के रूप में चलाया जा रहा है। उपचार के लिए भी पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं।