नई दिल्‍ली । बिहार सरकार के मंत्री तेज प्रताप यादव और उनकी पत्नी ऐश्वर्या के तलाक और घरेलू हिंसा का मामला जो पटना में चल रहा है. उसमें कोर्ट ने 27 सितंबर को सुनवाई करते हुए एक ऑर्डर पास किया है, जिसमें कोर्ट ने याचिकाकर्ता तेज प्रताप यादव को आदेश किया है कि वह 1 महीने के अंदर ऐश्वर्या के रहने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करें. साथ ही आदेश है कि आवास का किराया और बिजली के बिल का खर्च भी वहन करें. कोर्ट ने तेज प्रताप को ऐश्वर्या के खिलाफ किसी प्रकार के घरेलू हिंसा की घटना नहीं करने का भी आदेश दिया है. इस मामले की अगली सुनवाई 31 अक्टूबर 2023 को है.

क्या था पूरा मामला

तेज प्रताप यादव अपनी पत्नी ऐश्वर्या से तलाक के लिए कोर्ट पहुंचे थे. पटना की निचली अदालत यानी फैमिली कोर्ट में जब ये मामला पहुंचा तो ऐश्वर्या ने तेज प्रताप यादव के खिलाफ घरेलू हिंसा का मुकदमा दर्ज कराया था. निचली अदालत ने तलाक के मामले पर सुनवाई करते हुए ऐश्वर्या के लिए भरण पोषण भत्ता तो तय कर दिया लेकिन घरेलू हिंसा के मामले में प्रोटेक्शन को लेकर ऐश्वर्या को राहत नहीं दी. बाद में ये मामला हाईकोर्ट पहुंचा. ऐश्वर्या ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील दायर की थी.
हाईकोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए सुनवाई की और निचली अदालत के फैसले को पलट दिया. हाईकोर्ट ने निचली अदालत को घरेलू हिंसा मामले में पुनः सुनवाई का आदेश दिया है. हाईकोर्ट के जस्टिस पीबी बैजंथ्री और अरूण कुमार झा की बेंच ने बुधवार को इस मामले की सुनवाई की और निचली अदालत की तरफ से 21 दिसंबर 2019 फैसले को खारिज करते हुए आदेश दिया था कि घरेलू हिंसा के मामले में पुनः सुनवाई करे.

6 महीने में ही आ गई थी तेज प्रताप-ऐश्वर्या के बीच दरार

तेज प्रताप यादव की शादी साल 2018 में मई के महीने में हुई थी, लेकिन शादी के 6 महीने बाद तेज प्रताप यादव ने पटना हाईकोर्ट में तलाक की अर्जी डाली थी. बता दें कि ऐश्वर्या के पिता चंद्रिका राय आरजेडी नेता हैं. शादी तलाक लेने के फैसले पर तेज प्रताप ने कहा था कि वह एक साधारण जिंदगी गुजारने वाले व्यक्ति हैं जबकि ऐश्वर्या मॉडर्न मिजाज की हैं. उसके साथ जिंदगी गुजारना नामुमकिन है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि यह शादी उनकी मर्जी के खिलाफ की गई थी. दो राजनीतिक परिवारों के बीच हुए रिश्ते का वो मात्र एक मोहरा हैं. उन्होंने कहा कि वे एक घुटन भरी जिंदगी नहीं जी सकते हैं।