भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश जिस तरह स्वामित्व योजना, सुशासन, आवास निर्माण और स्ट्रीट वेंडर्स के कल्याण की योजनाओं में देश में अग्रणी बना है, उसी तरह कृषि के विविधीकरण, खाद्य प्र-संस्करण, एक जिला-एक उत्पाद कार्यक्रम, रोजगार अवसरों में वृद्धि, पर्यटन विकास जैसे क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य करके दिखाएगा। इसके लिए सभी मंत्री अपने नेतृत्व में प्रयासों को बढ़ाते हुए यादगार कार्य कर बेहतर परिणाम लाने का उदाहरण प्रस्तुत करें।
मुख्यमंत्री चौहान आज मंत्रालय में वाराणसी में हुए मुख्यमंत्री कानक्लेव के संबंध में मंत्रि- परिषद के सदस्यों के साथ चर्चा कर रहे थे। बैठक में मुख्य सचिव और अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री चौहान ने जानकारी दी कि गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत जनवरी माह में मध्यप्रदेश आयेंगे। उनके मार्गदर्शन में अत्यंत कम लागत की प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में मध्यप्रदेश में पायलेट परियोजना प्रारंभ करने का प्रयास है। देवव्रत गौ संवर्धन के लिए अभियान संचालित कर चुके हैं। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और स्वच्छता अभियान से भी उनका गहरा लगाव रहा है। भारतीय संस्कृति एवं वैदिक मूल्यों के प्रचार-प्रसार से भी वे जुड़े रहे हैं। आचार्य कुरुक्षेत्र में गुरुकुल प्रधानाचार्य भी रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी भी उनकी प्रशंसा करते हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश आयुष्मान भारत योजना, श्रम कानूनों में सुधार, प्रधानमंत्री आवास योजना, रोजगार के अवसरों में वृद्धि,पीएम स्वनिधि योजना, जैम पोर्टल उपयोग, डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने, ड्रोण तकनीक के उपयोग, स्वास्थ्य क्षेत्र में ग्रामीण महिलाओं के लिए चिकित्सा जाँच शिविरों, ईज आफ लिविंग, साइबर तहसील, आकांक्षी जिला योजना, निजी निवेश बढ़ाने, लाइट हाउस प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन में अच्छे परिणाम लाने का प्रयास करेगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि इन प्राथमिकताओं के लिए संबंधित विभाग और एजेंसियाँ प्रयासों को तेज करें।
हिंदी समर्थ भाषा है, चिकित्सा और अभियांत्रिकी की उपाधि भी हिंदी में हो
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि हमारी राष्ट्रभाषा हिंदी समर्थ भाषा है। महाविद्यालयों में चिकित्सा और अभियांत्रिकी का अध्ययन भी हिंदी में संभव है। इस दिशा में मध्यप्रदेश का अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय और अन्य उच्च शिक्षा संस्थान ठोस क्रियान्वयन कर दिखाएँ। मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि देश में एक हजार सैनिक स्कूल प्रारंभ किए जाने हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय सेवा योजना और नेशनल कैडेट कोर की इकाइयों का विस्तार भी होना है। मध्यप्रदेश इस क्षेत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेगा।