भोपाल। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान इलाज के उपयोग में आने वाली ऑक्सीजन की अभूतपूर्व कमी का सामना कर चुके मध्यप्रदेश में 30 सितंबर तक 111 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित हो जाएंगे। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य को ऑक्सीजन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। इस क्रम में कोविड-19 के उपचार में प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन आपूर्ति की समस्या के निराकरण के कारगर उपाय के तौर पर लगाये जा रहे पीएसए (प्रेशर स्विंग एडजॉर्पशन) ऑक्सीजन प्लांट शुरू हो चुके हैं।

  राज्य सरकार की ओर से मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल और कम्युनिटी हॉस्टिपटल में 111 हवा से ऑक्सीजन बनाने की अनूठी टेक्नोलॉजी पर आधारित पीएसए ऑक्सीजन प्लांट लगाने के आर्डर दिये गये हैं। शासन द्वारा जारी आदेश के अनुक्रम में अब तक 20 प्लांट लगाये जा चुके हैं। सूत्रों ने कहा कि पीएसए ऑक्सीजन प्लांट को समय पर स्थापित करने के लिये संबंधित निर्माता कंपनियों को निर्देशित किया गया है।

  इसी क्रम में 15 जून तक 25, 30 जून तक 40, 30 जुलाई तक 81, 30 अगस्त तक 91 और 30 सितम्बर तक पूरे 111 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना अस्पतालों में कर दी जायेगी। इनसे अस्पताल के लिये ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। सूत्रों का कहना है कि अस्पतालों में उपलब्ध ऑक्सीजन बेड और आईसीयू आदि को ध्यान में रखते हुए जरूरत की ऑक्सीजन आपूर्ति सुनिश्चित हो सके, इसी अनुक्रम में क्षमता के पीएसए प्लांट लगाये जा रहे हैं। इसमें 100 लीटर प्रति मिनिट से लेकर 1500 लीटर प्रति मिनिट की क्षमता वाले पीएसए प्लांट शामिल हैं। पीएसए प्लांट्स की स्थापना 10 बिस्तर के आईसीयू अस्पतालों से लेकर 150 बिस्तर (आईसीयू) वाले अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये की जा रही है।

  उन्होंने बताया कि पीएसए ऑक्सीजन प्लांट्स की स्थापना केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के मद से प्राप्त राशि से की जा रही है। कोरोना की दूसरी लहर में भीषण तबाही देख चुकी मध्यप्रदेश सरकार काफी पहले से ही संभावित तीसरी लहर को रोकने या आने की स्थिति में उससे निपटने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए उसने काफी कदम उठाए हैं और मुख्यमंंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं स्थिति की लगभग दिन प्रतिदिन के स्तर पर निगरानी कर रहे हैं।  

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