भोपाल। 25 एवं 26 जनवरी की दरमियानी रात से शुरू हुई शीत लहर ने मध्य प्रदेश के 15 जिलों को चपेट में ले लिया है। यहां तापमान सामान्य से लगभग 5 डिग्री नीचे चला गया है। ठंडी हवा लगातार और तेज चलने के कारण आम जनजीवन प्रभावित हो रहा है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अगले 24 घंटों में यह हालात और खराब होंगे। जबलपुर, सिवनी और बालाघाट में ठंड का कर्फ्यू लग जाएगा जबकि 16 जिले शीतलहर की चपेट में आ जाएंगे।
शीतलहर से प्रभावित मध्य प्रदेश के जिले
मंडला, नरसिंहपुर, टीकमगढ़ और खंडवा में शनिवार को दिन ठंडा रहा, जबकि सिवनी व मलाजखंड में तीव्र शीतलहर चली। इसके अलावा रीवा, सतना, उमरिया, छिंदवाड़ा, जबलपुर, मंडला, खजुराहो, नौगांव, दमोह, होशंगाबाद, भोपाल, रायसेन, खंडवा, रतलाम और उज्जैन में शीतलहर का प्रभाव रहा। न्यूनतम तापमान में सभी संभागों के जिले में विशेष परिवर्तन नहीं हुआ। शहडोल व जबलपुर संभागों के जिलों में सामान्य से विशेष रूप से कम और शेष संभागों के जिलों में सामान्य से काफी कम तापमान रहा। प्रदेश में सबसे कम तापमान पचमढ़ी में 1.2 डिग्री सेल्सियस और उमरिया में 2 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रहा।
मध्य प्रदेश मौसम का पूर्वानुमान
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे तक प्रदेश में ठंड का दौर जारी रहने की चेतावनी जारी की है। इसमें बालाघाट, जबलपुर और सिवनी में कहीं-कहीं तीव्र शीतलहर चल सकती है, जबकि चंबल संभाग के जिलों और रीवा, सतना, शहडोल, उमरिया, छिंदवाड़ा, मंडला, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़, रायसेन, होशंगाबाद, खंडवा, रतलाम, उज्जैन, शाजापुर, गुना और दतिया में कहीं-कहीं शीतलहर चलेगी। इसके अलावा मंडला, नरसिंहपुर और टीकमगढ़ में दिन शीतल रहेंगे। मौसम विभाग ने इसके साथ ही ठंडी हवाओं के चलने से ठंड बढ़ने की आशंका जताई है।
मध्य प्रदेश में मौसम कब बदलेगा
मौसम विभाग के अनुसार अगले दो-तीन दिन अर्थात 2 और 3 फरवरी तक तापमान में कुछ बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। हालांकि इस दौरान मौसम शुष्क और साफ रहेगा। भोपाल में करीब 12 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से हवाएं चलने की संभावना है। यहां अधिकतम तापमान 26 डिग्री और न्यूनतम 8 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है।
मध्यप्रदेश में शीत लहर क्यों चल रही है
मौसम विभाग के अनुसार वर्तमान में मराठवाड़ा से लेकर दक्षिणी महाराष्ट्र-तटीय कर्नाटक से होते हुए उत्तरी केरल तक ट्रफ लाइन सक्रिय है। आज से आगामी पश्चिमी विक्षोभ के पश्चिमी हिमालय क्षेत्रों को प्रभावित करने की संभावना है, जबकि उसके तुरंत बाद 2 और 3 फरवरी से दूसरे पश्चिमी विक्षोभ के पश्चिमोत्तर मैदानी क्षेत्रों को प्रभावित करने की संभावना है।