बुरहानपुर। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के जंगलों में वन विभाग, पुलिस विभाग और प्रशासन के 250 कर्मचारियों पर अतिक्रमणकारियों ने हमला कर दिया। यह सभी लोग जंगल में अतिक्रमण के विरुद्ध कार्रवाई करने गए थे। हमले में 17 जवान घायल हो गए हैं। इनके पास मौजूद बंदूकें और आंसू गैस के गोले, सिलेंडर आदि लूट लिए गए। लाठीचार्ज से लेकर फायरिंग तक के डिसीजन लेने के लिए मौके पर सब डिविजनल मजिस्ट्रेट काशीराम बड़ोले मौजूद थे, परंतु उन्होंने जवाबी हमले के आदेश नहीं दिए। उनके सामने कर्मचारी पीटते रहे और एसडीएम काशीराम खड़े-खड़े देखते रहे।
मामला बुरहानपुर जिले की नावरा रेंज में घाघरला का जंगल का है। शनिवार सुबह 8 बजे पुलिस,वन और प्रशासन की 250 लोगों की टीम अतिक्रमण हटाने पहुंची। जैसे ही पुलिस-वन कर्मी वाहनों से उतरे, सामने ऊंचाई पर स्थित टेकड़ी से सीधे सिर पर पत्थर व पैरों पर तीरों की बरिश शुरू हो गई। घबराकर कुछ पीछे हट गए तो कुछ हिम्मत करके आगे बढ़े। करीब दो घंटे तक हमला झेलने के बाद 17 पुलिस,वनकर्मी और एसएफ के जवान घायल हुए। तीन बंदूकें छीन ली गईं। अश्रुगैस के 4 सिलेंडर भी अतिक्रमणकारियों ने छीन लिए।
घटनास्थल पर किसी भी प्रकार का डिसीजन लेने के लिए सब डिविजनल मजिस्ट्रेट काशीराम बडोले को तैनात किया गया था। उनके सामने हमला हुआ। 2 घंटे तक हमलावरों ने तीर और पत्थर बरसाए लेकिन एसडीएम कांशीराम ने हमलावरों को डराने के लिए हवाई फायर ट्रक के आर्डर नहीं किए। वह बस 250 कर्मचारियों को हमलावरों के सामने पिटते हुए देखते रहे।
घटना के बाद कलेक्टर प्रवीणसिंह, एसपी राहुलकुमार लोढा नेपानगर पहुंचे और घटना को लेकर अधिकारियों की बैठक ली। शाम 5.40 बजे खरगोन रेंज डीआईजी तिलकसिंह भी नेपानगर पहुंच गए। करीब तीन घंटे अधिकारियों की बीच हमले को लेकर चर्चा चलती रही। बैठक खत्म होने के बाद मीडिया के सवालों का जवाब दिया मैंने सभी अधिकारी वहां से चले गए।
नेपानगर थाना प्रभारी जितेंद्रसिंह ने बताया टीम पर हुए हमले में 50 अतिक्रमणकारियों पर केस दर्ज हुआ है। इसमें दयाराम पिता रुछा, साहुकारिया पिता ढकला, सुरसिंह पिता सुरपाल, अनिल पिता सुरपाल,संदीप पिता साहुकारिया, रंजित साहुकारिया, रतन ईनिया,सुरसिंग ईनिया, हितेश ईनिया, कैलाश घासिया, मयाराम गंजा,काशिराम फुलसिंग, हमा शाहदरिया, नाना पिता गाठिया, रमेश पिता सुमरिया सभी निवासी हैदरपुर, घाघरला और डालमुह के खिलाफ नामजद केस हुआ है। सभी पर धारा 147, 148, 149, 336, 353, 307, 332, 427, 441, 447, 395में प्रकरण दर्ज किए हैं।
अतिक्रमणकारियों व प्रशासनिक टीम में बड़ा संघर्ष हुआ था। तब हवाई फायरिंग हुई थी और मामला प्रदेश स्तर तक पहुंचा था। इसके बाद कमलनाथ सरकार ने अतिक्रमण पर सख्ती करने के बजाए वन विभाग के बड़े अधिकारियों के तबादले कर दिए। तभी से लगातार वन विभाग पर हमले हो रहे हैं। उपचुनाव में सीएम शिवराजसिंह चौहान ने यह कहकर हौसला और बढ़ा दिया सबको जंगल में पट्टे देंगे भले मौजूदा कानून को बदलना पड़े। भाजपा-कांग्रेस दलों के नेताओं के संरक्षण के कारण वन विभाग व पुलिस टीम जंगल जाने से डरने लगी है।
राहुल लोढा, एसपी ने कहा कि पुलिस की एक रायफल, एक गैस गन है, दोनों टेकड़ी से नीचे भाग रहे थे, उसमें बंदूक गिर गई है। वन विभाग की शार्ट गन छिन ली। अभी बरामद नहीं हुआ है। रातभर में निकालने की कोशिश कर रहे है। लूटा हुआ है तो रिकवर तो कराएंगे।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी एवं बुरहानपुर के कलेक्टर प्रवीण सिंह का कहना है कि हम लगातार कार्रवाई करेंगे और अतिक्रमण को तो हटा कर ही रहेंगे। एसडीएम की अकर्मण्यता से संबंधित सभी सवालों का कलेक्टर ने कोई जवाब नहीं दिया।