ग्वालियर। मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के भिण्ड जिले के गोहद थाना क्षेत्र के सिरसौदा गांव के शमशान घाट पर एक माॅं ने कल 5 घण्टे पहले जन्में अपने शिशु को मरने के लिए छोड दिया। कहते हैं कि मारने से बचाने वाला बडा होता है। जिस माॅं ने नवजात शिशु को जन्म देने के बाद मारना चाह पर दूसरी अनजान माॅं ने उसे बचा लिया।

भिण्ड जिले के गोहद के सिरसौदा गांव निवासी अनीता वाल्मीकि ने बताया कल सुवह जब वह शमशान घाट की ओर से गुजर रही थी तभी उन्हें नवजात शिशु के रोने की आवाज आई। श्मशान के पास जाकर पालीथिन खोली तो उसमें नवजात मिला। नवजात की गर्भनाल भी नहीं कटी थी। अनीता वाल्मीकि ने नवजात को तौलिया से पौछा और गर्भनाल काटी। डायल 100 पर काल कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने नजवात को इलाज के लिए गोहद अस्पताल में भर्ती कराया। डाक्टरों ने अस्पताल आने से करीब पांच घंटे पूर्व जन्म होना बताया है। गोहद अस्पताल से नजवात को ग्वालियर रेफर किया गया है। पुलिस अब नवजात की मां और स्वजन को खोज रही है।

भिण्ड जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र गोहद के ब्लाॅक मेडीकल आॅफीसर डा. आलोक शर्मा, शिशु रोग विशेषज्ञ ने बताया नवजात पूरे नौ माह का है। उसके गले पर निशान मिले हैं, जो गला दबाने से बने हैं। नाक से खून आया है, जो गला दबाने से आया है। गला दबाने के बाद नवजात को मरा समझकर पालीथिन में बंद कर फेंका गया। श्मशान घाट के पास पानी में पड़े रहने से नवजात को निमोनिया हो गया है। इसलिए उसे ग्वालियर रैफर किया गया है।

भिण्ड जिले के गोहद थाना प्रभारी सीपीएस चैहान ने आज यहां बताया कि शमशान घाट के पास नवजात शिशु मिलने के बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से गर्भवती महिलाओं की सूची मंगवाई है। पुलिस ने संभावना जताई है प्रेम-प्रसंग को लेकर जन्में शिशु को कोई उसे अपना नाम नहीं दे पा रहा होगा इसलिए बिना ब्याही माॅं ने बदनामी के डर से ऐसा किया हो। पुलिस टीम पूरी पड़ताल कर रही है। नवजात को फेंकने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

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