अशोकनगर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर संभाग के अशोकनगर जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर लखेरी-बसारती गांव में दो दिन में एक परिवार की तीन बेटियों की मौत हो गई। परिवार बच्चियों का अंतिम संस्कार कर चुका है। मामले को संदिग्ध मानकर पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ विभाग की टीम ने गांव पहुंचकर जांच की है। शनिवार को पीएचई मंत्री बृजेंद्र सिंह भी गांव पहुंचे ओर सीएमएचओ से 24 घंटे में रिपोर्ट देने को कहा है। पुलिस ने एक बच्ची के शव का पोस्टमॉर्टम कराया है।
लखेरी-बसारती गांव में सुरेश जोगी की पांच बेटियां हैं, जिनमें से तीन की दो दिन में मौत हो गई। सुरेश ने बताया कि दो दिन पहले (19 अगस्त) को बेटी खुशी की अचानक तबियत खराब हो गई। उसको दवा देकर सुला दिया। दूसरे दिन (20 अगस्त) सुबह उठकर वह खेलती रही। दोपहर में उल्टी आने के बाद उसकी तबियत फिर बिगड़ गई। अस्पताल पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई। इसी दिन मंझली बेटी वैष्णवी की भी तबियत खराब हो गई। उसे जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में भर्ती कराया गया। उसकी भी उपचार के दौरान मौत हो गई। शनिवार (22 अगस्त) को सुबह 6 माह की बेटी खुशबू को भी उल्टी आने के बाद तबियत बिगड़ गई और उसकी भी घर पर ही मौत हो गई।
मामले की जानकारी लगते ही डॉक्टरों की टीम भी गांव पहुंची। सीएमएचओ हिमांशु शर्मा ने बताया कि परिजनों का कहना है कि उन्होंने उस रात मक्की की रोटी खाई थी। इसके बाद सभी लोग सो गए। इसके बाद दो दिन में उनकी 3 बेटियों की मौत हो गई।
परिजन ने दो बेटियों का अंतिम संस्कार शव को चिता में जलाकर किया है, जबकि बच्चों का अंतिम संस्कार जलाकर नहीं किया जाता। वहीं, परिवार का कहना है कि उन्होंने मक्की की रोटी खाईं थी तो इसका असर सिर्फ 3 बच्चियों पर ही क्यों हुआ। सवाल यह भी है कि 6 महीने की बच्ची कैसे रोटी खा सकती है। ऐसे में मामला संदिग्ध लग रहा है।