ग्वालियर। दाल बाजार के व्यापारियों की कोरोना से एक के बाद एक करके होने वाली मौतों ने दाल बाजार में कारोबार करने वालों को हिलाकर रख दिया है। इंदरगंज थाने से लेकर नया बाजार तिराहे की साढ़े तीन सौ मीटर के आसपास लंबी दाल बाजार की पट्टी में बैठकर कारोबार करने वाले व्यापारियों में से कम से कम एक दर्जन व्यापारी कोरोना की वजह से जान गंवा चुके हैं और ढाई दर्जन के आसपास व्यापारी ग्वालियर से लेकर दिल्ली के अस्पताल में अपनी जान बचाने के लिए भर्ती हैं। दालबाजार के व्यापारियों को अब समझ में नहीं आ रहा है कि लोगों को जिंदा रखने के लिए अनाज-तेल-शक्कर बेचें या फिर अपनी जान बचाएं।
ग्वालियर में कोरोना के पसरने के बाद प्रशासन ने पूरा ध्यान दाल बाजार पर फोकस कर दिया था। दाल बाजार में कारोबार करने वालों से लेकर दाल बाजार पहुंचने वालों को खूब समझाया कि कोरोना खतरनाक है। यह किसी को भी कभी भी कहीं भी जकड़ लेगा। जो पाठ पढ़ाया जा रहा है उसे अच्छे से दिमाग में बैठा लें और संभलकर काम करें पर इस सरकारी पट्टी का किसी पर असर नहीं हुआ। दालबाजार में उमडऩे वाली भीड़ ने सभी नियम कायदे ताक पर रख दिया और आज उसकी नतीजा पूरा दालबाजार तो भुगत ही रहा है, दाल बाजार से कितने लोग संक्रमण लेकर गए, इसकी कोई गिनती नहीं है।
बता दें दालबाजार में ग्वालियर-चंबल संभाग भर के कारोबारी, दलाल के अलावा आम आदमी हर रोज पहुंचते हैं। दालबाजार में करीब साढ़े चार सौ से आसपास दुकाने हैं और लभगग आठसे दस हजार लोग रोजाना दाल बाजार पहुंचते हैं। इसमें पल्लेदार भी शामिल हैं। माल लेकर निकलने और माल लेकर पहुंचने वाली गाडिय़ों का स्टॉफ इसमें शामिल नहीं है।
हालांकि प्रशासन दाल बाजार में कोरोना के कम्युनिटी स्प्रेड से इनकार करता है पर हकीकत यह है कि पिछले एक माह में दाल बाजार में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ा है। दाल बाजार में कारोबार के सिलसिले से आने वालों में कोई कोरोना लेकर गया तो कोई कोरोना देकर गया। कोरोना की चपेट में आने से ना तो शक्कर कारोबारी बचे ना ही मिर्च-तेल-अनाज के कारोबारी। यह सभी एक के बाद एक करके चपेट में आते गए। कुछ खुशनसीब थे जो कोरोना संक्रमण की चपेट में आने के बाद समय से इलाज मिलने से बच गए और काफी की किस्मत ऐसी नहीं थी कि वे कोरोना से लड़ पाएं। उनकी डेडबॉडी ही पन्नी में लिपटी हुई अस्पताल से बाहर निकली। दालबाजार व्यापार समिति के सचिव मनीष बांदिल कहते हैं कि पिछला एक माह तो हमारे कारोबारी भाईयों पर भारी, भारी पड़ा है। वे कहते हैं कि एक दर्जन से अधिक साथियों को हमने खो दिया और ढाई से तीन दर्जन हमारे कारोबारी भाई और उनके परिवार के सदस्य आज भी अस्पताल में भर्ती हैं। कई कारोबारियों के परिवार में तो तीन से पांच-पांच सदस्य कोरोना से जंग लड़ रहे हैं।
दालबाजार के हालात से घबराए व्यापारियों की जूम मीटिंग हुई। मीटिंग में तय हुआ कि बुधवार से 31 अगस्त तक सुबह दस बजे से शाम छह बजे तक ही दालबाजार में कारोबार होगा। दुकान में किसी को भी बिना मास्क के नहीं घुसने दिया जाएगा। दालबाजार के व्यापारियों की यह भी मांग है कि जो वन वे व्यवस्था लागू की गई थी, उसे सख्ती से लागू करवाया जाए।