भोपाल। राजधानी में करीब 80 दिन बाद शहर की 32 देशी और विदेशी शराब दुकानें खुल रही है। कलेक्टर तरुण पिथोड़े के आदेश के बाद शराब दुकानें खोलने के संबंध में आबकारी विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। इस मामले में सुबह आबकारी विभाग के अफसरों की एक बैठक भी हुई। इसमें शराब दुकानों को खोलने सहित अन्य व्यवस्थाओं को लेकर कार्ययोजना पर विस्तृत चर्चा हुई।
इसके पहले कलेक्टर के निर्देश पर आबकारी विभाग ने तीन सप्ताह पहले भोपाल की नगर निगम सीमा के बाहर करीब 15 शराब दुकानें खोलने के आदेश दिए थे। लेकिन शराब कारोबारियों ने इस आदेश को नहीं माना था। इस पर विभाग ने दुकानदारों को नोटिस भी जारी किए थे।
प्रदेश में शराब की बिक्री को लेकर सरकार ने शार्ट टर्म टेंडर के माध्यम से दुकानें खोलने का फैसला किया है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि जब तक स्थायी व्यवस्था नहीं होती तब तक कुछ-कुछ दिनों के लिए टेंडर बुलाकर शराब दुकानें संचालित होंगी। वहीं आबकारी विभाग ने विभागीय अमले के जरिये शराब बिक्री का आदेश जारी कर दिया है और कलेक्टर इसके लिए जिलों में व्यवस्था बनाने में जुटे हैं।
शराब की लाइसेंस फीस को लेकर चल रहे विवाद के चलते जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर, रतलाम, नीमच, मंदसौर, उज्जैन, भोपाल, देवास, छिंदवाड़ा, कटनी, रीवा समेत अन्य जिलों के ठेकेदारों ने शराब दुकानें सरेंडर कर दी हैं। ऐसे में इन जिलों में शराब की बिक्री को लेकर आज राज्य सरकार द्वारा गठित मंत्री समूह इस बारे में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया को लेकर चर्चा करेगा। इसके पहले मंत्री मिश्रा ने कल कहा था कि दुकानों से शराब बेचने के लिए सात दिन का टेंडर कर दें या दस दिन का टेंडर कर दें। इसके आधार पर अंतिम फैसला होने तक दुकान चलवाएं, इस पर विचार किया जा रहा है। जैसे ही दुकानों की नीलामी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी, वैसे ही शार्ट टर्म टेंडर खत्म कर दिए जाएंगे।