ग्वालियर। भरी ठंड में ठेलेवाले वाले पर पानी फेंकने का वीडियो वायरल होने के बाद राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अनिल बनवारिया को सब डिविजनल मजिस्ट्रेट के पद से हटा दिया गया है। अनिल बनवारिया का एक फोटो भी वायरल हुआ जिसमें वह एक युवक को बाल पकड़कर ऑटो रिक्शा से बाहर खींचते हुए दिखाई दे रहे हैं।
घटना रविवार शाम की बताई जा रही है, वीडियो सोमवार को वायरल हुआ। हुआ ये था कि रविवार शाम को सिटी सर्कल में एसडीएम के मार्ग दर्शन में टीमें बिना मास्क के बाहर निकलने वालों पर कार्रवाई के लिए निकलीं थी। SDM झांसी रोड अनिल बनवारिया फूलबाग एरिया में पहुंचे तो वहां एक सिंघाड़े का ठेला लगाने वाला बिना मास्क के मिला। एसडीएम के टूटने पर उसने तुरंत मास्क पहन लिया परंतु एसडीएम ने उसे गुस्से में पास बुलाया। जब वह पास नहीं आया तो एसडीएम अनिल बनवरिया ने उसी की बाल्टी से पानी भरकर चेहरे पर फेंक दिया। इसके बाद दो बार ऐसा और किया गया है।
एसडीएम अनिल बनवारिया आम लोगों से पहले भी अभद्रता करते रहे है। सोमवार को ठेले वाले के मुंह पर पानी फेंकने का वीडियो वायरल होने के बाद एक फोटो भी सोशल मीडिया पर चल रहा है जिसमें वे फूलबाग पर टेम्पो में बैठे एक युवक के बाल पकड़े हुए है। बताया जाता है कि एसडीएम ने पहले युवक को मास्क पहनने के लिए कहा और फिर बाल पकड़कर पूछा कि बता कल से मास्क पहनेंगा या नहीं। युवक ने कहा सर गलती हो गई है, अब बिना मास्क पहने कभी घर से बाहर नहीं निकलूंगा। इसके बाद युवक को उन्होंने जाने दिया।
हाई कोर्ट के सीनियर वकील पंकज दुबे ने बताया एसडीएम स्वयं एक न्यायालय है। उनके द्वारा किया गया इस तरह का काम कोर्ट की अवमानना है। ऐसे में अगर पीड़ित हाई कोर्ट को लिखता है तो एवं उच्च न्यायालय स्वत: संज्ञान ले सकता है। इसके अलावा पीड़ित मारपीट और मान हानि का केस कर सकता है। यही काम यदि कोई आम व्यक्ति द्वारा शासकीय कर्मचारी से किया जाता तो वह शासकीय कार्य में बाधा के साथ मारपीट, गाली-गलौच समेत 5 धाराओं में मामला दर्ज करने के अलावा उसके घर की नापतोल भी करा सकता था।