भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना नियंत्रण के प्रयासों में निरंतर मिल रही कामयाबी के बाद भी पूरे प्रदेश में रोग नियंत्रण के लिये पूरी सावधानी रखने की आवश्यकता है। कोरोना से जंग को हर हालत में जीतना है। इस संबंध में जागरूकता अभियान का संचालन पूरे प्रदेश में किया जाये। इसमें एनसीसी, एनएसएस, जन अभियान परिषद और कम्युनिटी लीडर्स को शामिल किया जाये। एक ऐसी फौज तैयार हो जो लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के सभी उपायों की सरल तरीके से जानकारी देते हुये जागरूक करें। जून के महीने में निरंतर जागरूकता के लिये भी सब्जी विक्रेताओं से लेकर अन्य सभी दुकानदारों को शिक्षित और जागरूक बनाने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में किसी भी स्थान पर लापरवाही बरतने वाले दुकानदारों की दुकान सील की जाये। इस संबंध में दुकानदार स्वयं सजग रहकर दुकान एवं बाजार क्षेत्र को सेनेटाइज करने में भी सहयोग दें।
मुख्यमंत्री चौहान ने आज मंत्रालय में प्रदेश में कोरोना नियंत्रण के प्रयासों की समीक्षा करते हुये कहा कि कोरोना ई-परामर्श सेवा को और अधिक लोकप्रिय बनाया जाये। आयुर्वेदिक काढ़े की उपलब्धता सुनिश्चित करवाई जाये। इसे बड़ी संख्या में नागरिकों तक नि:शुल्क वितरित किया गया है। शरीर को रोगों से लड़ने और वायरस से बचाव के लिये सक्षम बनाने में त्रिकटु चूर्ण और काढ़े का विशेष महत्व है, इसे सशुल्क उपलब्ध करवाने पर भी विचार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि भोपाल के चिरायु अस्पताल से 1000 से अधिक रोगियों का स्वस्थ होकर डिस्चार्ज होना एक उपलब्धि है। देश में बहुत कम चिकित्सा संस्थान इतने बेहतर कार्य कर पाये हैं। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव रोगियों के रिकवर होने की दर काफी बढ़ी है। मध्यप्रदेश में रिकवरी रेट दूसरे क्रम पर है। इसके बाद भी प्रत्येक रोगी के उपचार के साथ ही संदिग्ध रोगियों की देखरेख भी गंभीरतापूर्वक की जाये। प्रदेश में मृत्यु दर भी अन्य राज्यों से कम है। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में इस वायरस से मृत्यु नहीं होना चाहिये।
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्र ने आयुर्वेदिक काढ़े को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिये आपूर्ति व्यवस्था लागू करने का सुझाव दिया। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने फीवर क्लीनिक और अन्य उपायों द्वारा जिला स्तर पर सतत समीक्षा करने को कहा। अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने इंदौर से वीडियो कान्फ्रेंसिंग से भागीदारी करते हुये वायरस नियंत्रण की जानकारी दी। बैठक में आयुक्त स्वास्थ्य फैज अहमद किदवई ने खरगौन एवं छतरपुर जिलों में कोरोना नियंत्रण के साथ ही अन्य जिलों में रोगियों के स्वास्थ्य में सुधार और अपनाये जा रहे एहतियाती उपायों का विस्तृत विवरण दिया। बैठक में पुलिस महानिदेशक विवेक जौहरी, अपर सचिव मुख्यमंत्री ओमप्रकाश श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।
कोरोना ई-परामर्श सेवा
कोरोना ई-परामर्श सेवा के अंतर्गत 2407 कॉल्स आये थे। टोल फ्री नंबर 104 से कोरोना ई-परामर्श सेवा को भी जोड़ा गया है। इसका उपयोग बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा। प्रदेश में टेलीमेडिसीन सेवा को लोकप्रिय बनाया जाएगा। इसके लिय की गई व्यवस्था का लाभ अधिक लोग लें, इसके लिये टेली कंसलटेशन से अधिक विशेषज्ञों को जोड़ा जायेगा। वर्तमान में ई-संजीवनी ओपीडी के अंतर्गत 283 टेली कंसलटेशन दिए जा चुके हैं।
मध्यप्रदेश का रिकवरी रेट 60.4 है, जो देश में दूसरे क्रम पर सबसे अच्छा
समीक्षा में बैठक में जानकारी दी गई कि मध्यप्रदेश में रिकवरी रेट 60.4 है, जो राजस्थान के 68.3 के बाद देश में दूसरे क्रम पर बेहतर है। यह देश के रिकवरी रेट से 12.3 प्रतिशत अधिक है। गत 13 अप्रैल को प्रदेश में 9 प्रतिशत रिकवरी रेट ही था, जो डेढ़ माह में 60 प्रतिशत तक पहुंचा है। देश में रिकवरी रेट के मामले में उत्तरप्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु और महाराष्ट्र मध्यप्रदेश से पीछे हैं, जो क्रमश: 59.9, 59.1, 57.1 और 53.4 के साथ तीसरे से लेकर छटवें स्थान पर आते हैं। देश का औसत रिकवरी रेट 48.1 है। प्रदेश में 8283 प्रकरणों में से एक्टिव केसेस 2922 हैं। इनमें 5003 रिकवर केसेस हैं। प्रदेश में इस समय करीब 6000 टेस्ट प्रतिदिन की क्षमता विकसित हो गई है। रविवार को प्रदेश में 6023 टेस्ट हुये जो एक दिन में हुये सर्वाधिक टेस्ट हैं। प्रदेश में 21 लैब यह कार्य कर रही हैं। इंदौर की स्थिति में सुधार परिलक्षित हुआ है। आई.सी.यू. और बिस्तर क्षमता की उपलब्ध व्यवस्था का लगभग एक तिहाई उपयोग करने की ही जरूरत पड़ रही है। प्रदेश में ऐसे जिलों की संख्या चार है जहाँ गत 21 दिन में कोई पॉजिटिव केस नहीं मिला है। अभी प्रदेश में 958 कंटेनमेंट क्षेत्र हैं। प्रदेश में 1149 मोबाइल मेडिकल यूनिट और 3670 सर्वे दल कार्य कर रहे हैं। फीवर क्लीनिक 1197 हैं