भोपाल। भर्तियों को लेकर कांग्रेस के निशाने पर रहे प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (व्यापमं) को बंद करने की तैयारी शुरू हो गई है। सामान्य प्रशासन विभाग ने पिछले सप्ताह वचन-पत्र से जुड़े मुद्दों की समीक्षा कर इस वादे को पूरा करने की गेंद तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के पाले में डाल दी है। दरअसल, व्यापमं का गठन तकनीकी शिक्षा विभाग ने किया है और बंद करने का फैसला भी वो ही कर सकता है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी जगह राज्य कर्मचारी चयन आयोग जैसी संस्था बनाने का मसौदा तैयार करना शुरू कर दिया है।

सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री बनने के बाद कमलनाथ ने पहली ही बैठक में सभी विभागों को वचन-पत्र की प्रतियां देते हुए प्राथमिकता के हिसाब से प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए थे। मुख्य सचिव सुधिरंजन मोहंती ने सभी विभागों को वचन-पत्र पर फोकस करने के लिए कहा है। इसके मद्देनजर विभागों में काम शुरू हो गए हैं। व्यापमं कांग्रेस के लिए लंबे समय से प्रदेश में भाजपा सरकार के खिलाफ बड़ा मुद्दा रहा है।

कांग्रेस के ज्यादातर बड़े नेता न सिर्फ इस मुद्दे से सीधे जुड़े हैं, बल्कि इस संस्था को बंद करने और व्यापक जांच कराने की बात कह चुके हैं। इसे देखते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने वचन-पत्र में शामिल विभागीय बिंदुओं की समीक्षा करते हुए व्यापमं को बंद करने का मामला तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग को भेज दिया है।

विभागीय अधिकारियों का कहना है कि व्यापमं के बारे में कोई भी फैसला तकनीकी शिक्षा विभाग ही ले सकता है, क्योंकि उसने ही गठन किया है। हमने तो कनिष्ठ (संयुक्त अर्हता) परीक्षा नियम 2013 बनाए हैं। भर्ती पारदर्शी और विकेंद्रीयकृत व्यवस्था के लिए कर्मचारी चयन आयोग जैसी संस्था का गठन किया जा सकता है। इसका मसौदा बनाने पर काम भी शुरू हो गया है। इसके लिए दूसरे राज्यों की संस्थाओं का अध्ययन भी किया जाएगा।

उधर, कांग्रेस सरकार बनने के चंद दिनों बाद ही भोपाल में सैंकड़ों युवाओं ने ग्रुप चार की परीक्षा में बड़े पैमाने में गड़बड़ी के आरोप लगाए। मामला गर्माया तो मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कालापीपल से विधायक कुणाल चौधरी को अभ्यर्थियों से पूरी बात समझने भेजा।

इसके बाद चौधरी प्रतिनिधिमंडल को लेकर मुख्यमंत्री से मिले और उन्होंने मौके पर मौजूद प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल को जांच कराने के निर्देश दिए। अभ्यर्थियों के आरोप पर पीईबी (प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड) ने परीक्षा केंद्रों के वीडियो फुटेज की जांच भी शुरू कर दी है।

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