जबलपुर। शहर में 12 अगस्त को टैटू की दुकान चलाने वाले युवक अंकित चंडोक की हत्या करने के आरोप में 3 युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इनमें से एक युवक उत्कर्ष मिश्रा के मृतक की पत्नी के साथ प्रेम संबंध थे। प्रेम संबंधों के चलते पति को रास्ते से अलग करने के लिए आशिक ने उसकी हत्या का प्लान बनाया और प्लान को अंजाम देकर गाजियाबाद फरार हो गया।

जबलपुर के एक मॉल में टैटू की दुकान चलाने वाले 34 वर्षीय अंकित चंडोक की गढ़ा थाना क्षेत्र में 12 अगस्त की रात को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जबलपुर पुलिस ने इस मामले की जांच की तो चौंकाने वाला तथ्य सामने आए। आरोपी जिस कार से फरार हुए थे, उसका रजिस्ट्रेशन गाजियाबाद का था। सीसीटीवी फुटेज से मिले सुराग के आधार पर पुलिस ने मामले की तफ्तीश की थी।


जांच के दौरान यह बात सामने आई कि अंकित चंडोक के रिश्तेदार जग्गी का एक दोस्त गाजियाबाद में रहता है, जिसका जबलपुर आना जाना लगा रहता है और अंकित चंडोक की पत्नी अक्सर उससे मिलने जाती है। इस बात पर पुलिस ने गाजियाबाद से उत्कर्ष मिश्रा, मयंक अग्रवाल और शुभम छारोलिया को हिरासत में लिया और पूछताछ की। तब आरोपी उत्कर्ष मिश्रा ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया।


उत्कर्ष मिश्रा ने बताया कि वह पिछले दो साल से अंकित चंडोक के रिश्तेदार जग्गी के घर आ रहा है। जग्गी और उत्कर्ष मिश्रा कुत्तों की ब्रीडिंग और बेचने का काम करते हैं। यहां पर उसकी मुलाकात अंकित की पत्नी से हुई। कुछ ही मुलाकातों में दोनों की दोस्ती प्रेम-प्रसंग में बदल गई और उसके बाद उत्कर्ष मिश्रा और अंकित की पत्नी अक्सर मिलने लगे। उत्कर्ष मिश्रा कई बार जबलपुर आता था और अंकित के रिश्तेदार जग्गी के घर में रुकता था और यहीं पर उसकी अंकित की पत्नी से मुलाकातें होती थी।


इधर बातों ही बातों में उत्कर्ष मिश्रा को पता चला कि अंकित चंडोक का विवाद उसकी दुकान के पास ही दूसरे दुकान संचालक से चल रहा है। इस बात का पता चलने पर उत्कर्ष मिश्रा के दिमाग में अंकित चंडोक की हत्या करने का प्लान आया। उत्कर्ष मिश्रा ने प्लान बनाया कि यदि वह अंकित चंडोक की हत्या कर देता है तो ऐसे में पुलिस का पूरा शक उस दुकान संचालक के ऊपर जाएगा, जिसका विवाद अंकित चंडोक के साथ चल रहा है और वह बच जाएगा।


इस प्लान को अंजाम देने के लिए उसने अपने दो साथी मयंक अग्रवाल और शुभम चारोलिया को साथ में लिया और तीनों एक कार से गाजियाबाद से जबलपुर पहुंचे। यहां पर आकर वे एक होटल में रुके और उन्होंने 5 दिन तक अंकित चंडोक की रेकी की। उन्होंने पता लगाया कि अंकित चंडोक रात में खाना खाने के बाद आवारा पशुओं को भोजन देने के लिए गढ़ा क्षेत्र में जाता है इस दौरान वह पूरी तरह से अकेला होता है और यह क्षेत्र सुनसान है, जिसमें आसानी से वारदात को अंजाम दिया जा सकता है।

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