जबलपुर. कोरोना काल में बेरोज़गारी और नौकरियों की कमी के गंभीर नतीजे सामने आने लगे हैं. दावा किया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के जबलपुर में बेरोजगारी से तंग आकर रांझी इलाके में एक युवक ने मौत को गले लगा लिया. सुरेंद्र देशमुख नाम का युवक इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुका था और नौकरी की तलाश में कई जगहों पर साक्षात्कार भी दे चुका था, बावजूद इसके उसकी नौकरी कहीं भी नहीं लग पा रही थी. सरकारी नौकरी की आस में मृतक नौजवान ने कभी खमरिया के ऑडनेंस फैक्ट्री में अप्रेंटिस का प्रशिक्षण लिया तो कभी प्राइवेट स्कूल में बच्चों को पढ़ाते हुए सरकारी नौकरी की तैयारी की लेकिन हर कोशिश में उसे नाकामी ही हाथ लगी.

सरकारी नौकरी के मामले में लगातार मिल रही असफलता से निराश होकर सुरेंद्र ने अपने घर के पास बने कुएं में कूदकर खुदकुशी कर ली. सरकारी नौकरी को लेकर सुरेंद्र अक्सर डिप्रेशन में रहा करता था. परिजनों के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति में 2 साल की बढ़ोतरी किए जाने के फैसले को भी सुरेंद्र अक्सर कोसता रहता था. मृतक का मानना था कि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने से युवाओं को सरकारी नौकरी के मौके नहीं मिलेंगे.

मृतक के पिता गुलाब चन्द्र देशमुख ने बताया कि उनका परिवार मूलतः छिंदवाड़ा का रहने वाला है. सुबह परिजनों को सुरेंद्र घर पर नज़र नहीं आया तो उन्होंने उसकी आसपास खोजबीन की. बाद में परिजनों की घर के पास बने कुएं पर नजर पड़ी तो उसकी लाश उतराती हुई पाई गई. आनन-फानन में परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने युवक के शव को कुएं से बाहर निकाला. मामले में मर्ग कायम कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.

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