शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल शहडोल में पदस्थ महिला लोको पायलट आरती ने बीते रविवार यानी 31 मार्च 2024 को अपने ही घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर लिया। आरती शहडोल में किरण टॉकीज के पास किराए के मकान में रहती थी, जहां उसका शव मिला है। महिला के परिजनों ने इसके पीछे रतलाम में पदस्थ रेलवे मास्टर आशाराम मीणा को कारण बताया है।आर

ती नाम की एक महिला शहडोल में लोको पायलट के तौर पर काम करती थी। आरती शहडोल में ही किरण टॉकीज के पास किराए के मकान में रहती थी। बीते रविवार को आरती के घर का दरवाजा काफी देर तक बंद रहा। वहां रहने वाले आरती के पड़ोसियों को यह बात खटकी। इसके बाद उन्होंने आरती के घर के दरवाजे को खटखटाया और आवाज भी लगाई। मगर इसके बावजूद भी आरती ने घर का दरवाजा नहीं खोला।

इसके बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस को इस बात की सूचना दी। सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंची और घर का दरवाजा तोड़कर अंदर पहुंचे। घर का दरवाजा तोड़ते ही आरती का शव फांसी पर लटकता हुआ मिला। पुलिस ने इसकी जानकारी उसके परिजनों को दी। पुलिस से बातचीत करते हुए आरती के परिजनों ने इसका जिम्मेदार रतलाम में पदस्थ स्टेशन मास्टर आशाराम मीणा को ठहराया।

मृतका के परिजनों ने बताया कि, ‘रतलाम में स्टेशन मास्टर के तौर पर काम करने वाला आशाराम पहले शहडोल संभाग के उमरिया जिले में पदस्थ था। इस दौरान मृतका आरती और उसकी जान पहचान हुआ। धीरे-धीरे दोनों के बीच में प्यार हो गया। मगर प्रेमी ने आरती को यह नहीं बताया कि वह पहले से शादीशुदा है। मगर किसी ना किसी तरह से आरती को उसके शादीशुदा होने का पता चल गया। इसके बाद आरती ने स्टेशन मास्टर से बात करना बंद कर दिया।’

परिजनों ने आगे बताया कि, ‘आशाराम इसके बाद आरती को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगा। आरती काफी परेशान हो गई और इसी वजह से उसने ऐसा कदम उठाते हुए आत्महत्या कर ली।’ पुलिस ने बताया कि, मामले की जांच करने के लिए आरोपी स्टेशन मास्टर के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इसके साथ ही पुलिस मामले की जांच कर रही है।