ग्वालियर। मध्यप्रदेश में बाढ़ के कारण हालात और खराब हो गए हैं। प्रदेश में 1200 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में है। अभी तक एक दर्जन से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। कई बड़े पुल ध्वस्त हो चुके हैं, ट्रेनें केंसिल की गई हैं, हजारों एकड़ की फसल नष्ट हो गई है। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार प्रदेश में बाढ़ से करीब 4000 करोड़ का नुकसान हुआ है. बाढ़ में फंसे लोगों को एयरलिफ्ट करने के साथ ही NDRF और SDRF की टीमें भी रेस्क्यू में जुटी हुई हैं, इसके बावजूद हजारों लोग अभी भी फंसे हुए हैं।
लगातार खराब होते हालात के बाद सेना ने मोर्चा संभाला है. सबसे ज्यादा प्रभावित शिवपुरी और श्योपुर में बुधवार तक 800 MM बारिश हो गई थी. इधर मौसम विभाग ने अशोकनगर, गुना, श्योपुर और शिवपुरी जिलों में अगले 24 घंटों में तेज बारिश की चेतावनी दी है। इससे मुसीबत और बढ़ जाने का अंदेशा है। बाढ़ की स्थिति पर स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह लगातार नजर रख रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश के बाढ़ प्रभावितों को मदद का एलान किया है।
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खासतौर पर ग्वालियर—चंबल अंचल में लगातार और तेज बारिश लोगों पर कहर बनकर टूटी है। अंचल के 1000 से अधिक गांव जलमग्न हो चुके हैं, लोगों को बचाने में वायुसेना जुटी हुई है. फंसे हुए लोगों को एयरलिफ्ट किया जा रहा है. साथ ही NDRF की 5 और SDRF की 70 टीमें और सामाजिक संस्थाएं भी रेस्क्यू में जुटी हुई हैं। बाढ़ की चपेट में आए गांवों में अब भूख—प्यास के कारण लोग बेहाल हो रहे हैं। भिंड में कुछ गांवों में गुरुवार सुबह वायुसेना के हेलिकाफ्टर पहुंचाए गए हैं।
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ग्वालियर—चंबल अंचल में सिंध नदी ने जबर्दस्त तबाही मचाई है, सिंध पर बने कई पुल टूट चुके हैं। सिंध में आई बाढ़ के पानी में अभी भी हजारों लोग फंसे हुए हैं। मानसून के दक्षिण बिहार से यूपी की ओर शिफ्ट होने से प्रदेश के इस क्षेत्र में जर्बदस्त बारिश हुई जिससे हालात खराब हो गए। जलप्रलय की सी स्थिति बनी हुई है। उधर शिवपुरी जिले में पार्वती नदी उफान पर है जिससे कई गांव डूब चुके हैं. कूनो और क्वारी नदी के आसपास बसे दर्जनों गांव भी बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं।
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जानकारी के अनुसार अंचल में कुल 1225 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। करीब 8 हजार लोगों को बचाया जा चुका है जबकि लगभग 2000 लोग अभी भी फंसे हैं। इन्हें बचाने के लिए सेना के 2 हजार से ज्यादा जवान रेस्क्यू में लगे हैं. श्योपुर जिले में बिजली और संचार व्यवस्था भंग है। गुना-शिवपुरी के बीच रेल सेवा भी बंद है।मूसलाधार बारिश के कारण भिंड सहित आसपास के सभी जिलों में स्थिति खराब है।
कूनो नदी उफनी, पुल डूबा, कई जिलों से कटा संपर्क
हालांकि श्योपुर, शिवपुरी और दतिया में नदियों का जलस्तर कुछ कम लेकिन अब चंबल से खतरा बढ़ गया है. चंबल नदी मुरैना जिले में खतरे के निशान से करीब 5.25 मीटर और भिंड में 2 मीटर ऊपर बह रही है। नदी में लगातार और तेजी से पानी बढ़ रहा है। चंबल को उफनता देखकर बुधवार को भिंड और मुरैना में करीब तीन दर्जन गांव खाली कराए हैं। गुरुवार सुबह ग्वालियर अंचल में डबरा के पास सिंध नदी पर ट्रैफिक फिर से शुरू किया गया। यहां से बस—ट्रक और अन्य वाहन धीरे-धीरे निकाले जा रहे हैं।