मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में लोकायुक्त ने बड़ी रेड़ की कार्रवाई की। लोकायुक्त को नगर निगम के सहायक इंजीनियर देवानंद पाटिल के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत मिली। और लोकायुक्त ने उनके घर पर सबूत मिलने के आधार पर छापेमारी की।

जानकारी के अनुसार इंदौर में नगर निगम के सहायक इंजीनियर देव आनंद पाटिल के घर पर लोकायुक्त ने छापेमार की। इस अधिकारी ने धारकोटे में लगभग 10 करोड़ रुपए की लागत से 2 मंजिला घर भी बना रखा है। साथ ही विभाग में बिना सूचना दिए जमीन भी खरीदी है। इस दौरान लोकायुक्त डीएसपी ने कहा कि नगर निगम में तैनात जीनियर देव आनंद पाटिल ने लॉकडाउन के दौरान 2 प्लॉट खरीदे थे।

बताया जा रहा है कि इस 2 मंजिला घर के साथ ही उनके पास से कई बैंक खाते, लॉकर, एफडी की जानकारी भी लोकायुक्त को मिली। शुरुआती जांच में पाटिल के घर से पांच प्लॉट, दो मकान, चार फ्लैट, एफडी, बीमा पॉलिसियां मिली है। और इनकी कीमत 2 करोड़ रुपए से ज्यादा का अनुमान लगाया जा रहा है।

वहीं इस दौरान उनके वेतन से करीब 50% अधिक संपत्ति होने की जानकारी सामने आई है। उन्हें काम करते करते नगर निगम में लंबा समय हो चुका ह। उनकी अभी तक की आय 1 करोड़ रुपये से ज्यादा नहीं हो सकती। मगर जांच-पड़ताल में करोड़ों रुपए की संपत्ति का पर्दाफाश हुआ है।

बता दें कि नगर निगम में तैनात इंजीनियर देवानंद पाटिल रीजनल पार्क प्रभार में हैं। इससे पहले वह नगर निगम के कई जोन में जोनल अधिकारी भी रहे हैं। इंजीनियर ने अपनी आय से अधिक संपत्ति दर्ज की है। इस दौरान लोकायुक्त के अधिकारियों का कहना है कि इंजीनियर देव आनंद पाटिल को दिला का दौरा पड़ने की बीमारी है। और इसके चलते वे काफी लंबे समय से छुट्टी पर चल रहे थे।