खंडवा। मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा प्रदेश की महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना 10 जून से लागू की गई है। जिसमें चयनित महिलाओं के खाते में प्रतिमाह 1000 रुपये की राशि सरकार द्वारा डाली जाएगी। लेकिन प्रदेश के खंडवा में इस योजना से जुड़ा एक अनूठा मामला सामने आया है, जहां वार्ड की कुछ महिलाओं के इस योजना के फॉर्म में भरने में तकनीकी समस्या के चलते उनके खातों में राशि नहीं आ पाई और वे उदास हो गईं।

महिलाओं को उदास देखकर वार्ड पार्षद सोमनाथ बंडू काले ने अपने निजी बैंक खाते से ऐसी कुल पांच महिलाओं के खाते में 1000 रुपये प्रति माह डालने का संकल्प लिया है और देर शाम अपने मोबाइल से उनके खातों में राशी डाल भी दी। खंडवा में लाडली बहना योजना के शुभारंभ पर नगर निगम द्वारा कई जगहों पर समारोह का आयोजन किया गया था। ऐसे ही एक समारोह में शहर के वार्ड क्रमांक 17, सरदार वल्लभ भाई पटेल वार्ड के पार्षद सोमनाथ बंडू काले और उनके वार्ड की महिलाएं मौजूद थीं।

प्रदेश के मुखिया द्वारा देर शाम योजना में चयनित महिलाओं के खातों में जब राशि डाली गई और अपने आसपास की महिलाओं के खातों में राशि आने के मैसेज आने लगे। ऐसे में समारोह में मौजूद कुछ महिलाएं उदास हो गईं। जब वार्ड पार्षद बंडू काले को इस बात का पता चला कि ऐसी पांच महिलाओं के योजना के फॉर्म भरने में कुछ तकनीकी समस्या के चलते इनके खाते में राशि नहीं आ पाई है और भोपाल स्तर से इसका निराकरण कराया जा रहा है।

ऐसे में वार्ड पार्षद बंडू काले ने समस्या का निराकरण होने तक इनके खातों में 1000 रुपये प्रति माह की राशि अपने निजी बैंक खाते से डालने का मन बना लिया। जिससे महिलाओं के चेहरे भी खिल उठे। कुछ देर बाद पार्षद ने पांच महिलाओं जिनमें प्रिया नवीन देवराय, विद्या चौहान, फिरदोस मोहसीन, गायत्री कन्नौजे, विनती मिश्रा के खातों में राशि हस्तांतरित भी कर दी।

महिला गायत्री कन्नौजे ने बताया कि उनका फॉर्म भरा गया था, लेकिन कुछ आपत्ति आने के चलते उनका फॉर्म भोपाल से पास नहीं हो पाया था। लेकिन उनके वार्ड के पार्षद ने उनके खातों में हजार हजार रुपये डाल दिए। वार्ड पार्षद बंडू काले ने बताया कि जब इन महिलाओं के फॉर्म भरे गए थे तब आधार कार्ड से महिलाओं के फोटो मैच नहीं हो रहे थे, जिसके निराकरण के लिए फॉर्म भोपाल भेजे गए थे।

जिनका निराकरण होकर अब तक आया नहीं है। लेकिन जब वार्ड की सभी महिलाओं को पैसा मिल रहा है, तो इन पांच बहनों को क्यों ना मिले। इनमें निराशा का भाव क्यों जागृत हो। इसलिए उन्होंने निर्णय लिया कि जब तक इनके फार्म का निराकरण नहीं हो जाता तब तक वह अपने निजी खाते से इन महिलाओं के खातों में 1000रुपये प्रतिमाह की राशि डालेंगेे।