नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2000 रुपये के नोटों को लेकर एक बड़ा अपडेट जारी किया है। केंद्रीय बैंक के अनुसार, 19 मई 2023 तक प्रचलन में रहे 2000 रुपये के 98.21% बैंक नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ चुके हैं। इसका मतलब है कि अब केवल 1.79% नोट, यानी करीब 6,368 करोड़ रुपये मूल्य के नोट, अभी भी जनता के पास मौजूद हैं। यह जानकारी 31 मार्च 2025 तक के आंकड़ों के आधार पर दी गई है।

RBI ने 19 मई 2023 को 2000 रुपये के नोटों को चलन से वापस लेने की घोषणा की थी। उस समय प्रचलन में इन नोटों का कुल मूल्य 3.56 लाख करोड़ रुपये था। इस फैसले के पीछे क्लीन नोट पॉलिसी को लागू करना और बड़े मूल्य के नोटों के जरिए काले धन पर लगाम लगाना था। लोगों को इन नोटों को जमा करने या बदलने के लिए पहले 30 सितंबर 2023 तक का समय दिया गया था, जिसे बाद में बढ़ाकर 7 अक्टूबर 2023 कर दिया गया। इसके बाद भी RBI के 19 क्षेत्रीय कार्यालयों और डाकघरों के जरिए नोट जमा करने की सुविधा जारी रखी गई।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक, 31 मार्च 2025 तक 3.49 लाख करोड़ रुपये मूल्य के नोट वापस आ चुके हैं। हालांकि, नोटों की वापसी की रफ्तार अब धीमी पड़ गई है। पिछले साल दिसंबर 2024 तक 6,691 करोड़ रुपये के नोट बचे थे, और इस साल मार्च तक इसमें मामूली कमी आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि बचे हुए नोट या तो लोगों ने जानबूझकर रखे हैं या फिर उन्हें जमा करने का मौका नहीं मिला।

RBI ने स्पष्ट किया है कि 2000 रुपये के नोट अभी भी वैध मुद्रा बने हुए हैं। लोग इन्हें देश भर के 19 RBI कार्यालयों—जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद आदि—में जमा कर सकते हैं। इसके अलावा, डाकघरों के माध्यम से भी नोट भेजकर अपने बैंक खाते में राशि जमा कराई जा सकती है। इस प्रक्रिया के लिए KYC दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है, और अगर राशि 50,000 रुपये से अधिक है तो पैन कार्ड भी अनिवार्य है।

2000 रुपये का नोट नवंबर 2016 में नोटबंदी के बाद पेश किया गया था, जब 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर दिए गए थे। हालांकि, 2018-19 में इसकी छपाई बंद कर दी गई, क्योंकि छोटे मूल्य के नोट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो गए थे। अब इस नोट को पूरी तरह से चलन से हटाने की प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है।

RBI ने लोगों से अपील की है कि अगर उनके पास अभी भी 2000 रुपये के नोट बचे हैं, तो वे जल्द से जल्द इन्हें जमा कर दें। यह कदम नकली मुद्रा पर नियंत्रण और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने की दिशा में भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।