नई दिल्ली । सभी अंगों के सुचारू रूप से काम करने और सेहत (Health)के लिए शरीर में ऑक्सीजन युक्त रक्त की जरूरत होती है। शरीर में रक्त संचार में आने वाली बाधा जान का जोखिम कर सकती है। हालांकि खराब जीवनशैली और समय के साथ बढ़ती शारीरिक निष्क्रियता के कारण रक्त संचार प्रभावित होता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि शरीर में रक्त संचरण प्रभावित होने से कोशिकाओं के खराब होने की संभावना हो सकती है। इसलिए शरीर में रक्त के संचार को बढ़ावा देने के लिए कुछ उपायों को करने की जरूरत होती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, नियमित योगाभ्यास से रक्त संचार बेहतर होता है। योगाभ्यास रक्त संचार को बढ़ावा देने के साथ ही कई बीमारियों के खतरे को भी कम करता है। कुुछ खास योगासन का नियमित अभ्यास शरीर की मांसपेशियों को सक्रिय रखने के साथ ही रक्त प्रवाह को बढ़ाते हैं। चलिए जानते हैं रक्त संचरण के लिए योगाभ्यास कितना फायदेमंद है और किस आसनों से रक्त संचार बेहतर बनता है।
ताड़ासन का अभ्यास
शरीर में रक्त के संचरण को बढ़ाने के लिए ताड़ासन का अभ्यास बेहतर विकल्प है। ताड़ासन करने से एनर्जी बेहतर होती है और शरीर की मुद्रा में सुधार होता है। इसलिए रोजाना 5-10 मिनट तक रोजाना स्वास्थ्य लाभ के लिए ताड़ासन का अभ्यास करना चाहिए।
कैट-काऊ पोज
कैट काऊ पोज का अभ्यास पीठ और स्पाइनल कॉलम में रक्त संचार को बढ़ाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, कैट काऊ पोज के नियमित अभ्यास से शरीर की मुद्रा और संतुलन में सुधार होता है। इसके साथ ही रीढ़ और गर्दन मजबूत होती है और तनाव दूर होता है। शांत मन और रक्त संचार के बेहतर प्रवाह के लिए कैट काऊ पोज का अभ्यास लाभदायक है।
अधोमुख शवासन
शरीर के रक्त संचरण को बनाए रखने और मस्तिष्क व ऊपरी धड़ में रक्त प्रवाह बढ़ाने के लिए अधोमुख शवासन योग फायदेमंद होता है। योग के नियमित अभ्यास से सिर में रक्त संचार बढ़ता है, जिससे मस्तिष्क की क्षमता बढ़ती है और दिमाग शांत रहता है। शरीर की कई मांसपेशियां सक्रिय बनती हैं। अधोमुख शवासन का अभ्यास हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए भी काफी फायदेमंद माना जाता है।
रक्त संचरण के लिए योग
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
सभी अंगों के सुचारू रूप से काम करने और सेहत के लिए शरीर में ऑक्सीजन युक्त रक्त की जरूरत होती है। शरीर में रक्त संचार में आने वाली बाधा जान का जोखिम कर सकती है। हालांकि खराब जीवनशैली और समय के साथ बढ़ती शारीरिक निष्क्रियता के कारण रक्त संचार प्रभावित होता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि शरीर में रक्त संचरण प्रभावित होने से कोशिकाओं के खराब होने की संभावना हो सकती है। इसलिए शरीर में रक्त के संचार को बढ़ावा देने के लिए कुछ उपायों को करने की जरूरत होती है। विशेषज्ञों के मुताबिक, नियमित योगाभ्यास से रक्त संचार बेहतर होता है। योगाभ्यास रक्त संचार को बढ़ावा देने के साथ ही कई बीमारियों के खतरे को भी कम करता है। कुुछ खास योगासन का नियमित अभ्यास शरीर की मांसपेशियों को सक्रिय रखने के साथ ही रक्त प्रवाह को बढ़ाते हैं। चलिए जानते हैं रक्त संचरण के लिए योगाभ्यास कितना फायदेमंद है और किस आसनों से रक्त संचार बेहतर बनता है।
ताड़ासन का अभ्यास
शरीर में रक्त के संचरण को बढ़ाने के लिए ताड़ासन का अभ्यास बेहतर विकल्प है। ताड़ासन करने से एनर्जी बेहतर होती है और शरीर की मुद्रा में सुधार होता है। इसलिए रोजाना 5-10 मिनट तक रोजाना स्वास्थ्य लाभ के लिए ताड़ासन का अभ्यास करना चाहिए।
कैट-काऊ पोज
कैट काऊ पोज का अभ्यास पीठ और स्पाइनल कॉलम में रक्त संचार को बढ़ाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, कैट काऊ पोज के नियमित अभ्यास से शरीर की मुद्रा और संतुलन में सुधार होता है। इसके साथ ही रीढ़ और गर्दन मजबूत होती है और तनाव दूर होता है। शांत मन और रक्त संचार के बेहतर प्रवाह के लिए कैट काऊ पोज का अभ्यास लाभदायक है।
अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
नोट: यह लेख योग गुरु के सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है। आसन की सही स्थिति के बारे में जानने के लिए किसी विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।