स्टार प्लस एक बार फिर टेलीविजन की दुनिया को नया रूप दे रहा है, अपने नए सुपरनैचुरल शो जादू तेरी नजर-डायन का मौसम के साथ। चैनल हमेशा से ऐसी कंटेंट बनाने के लिए जाना जाता है जो दर्शकों से जुड़ता है, ऐसे शो पेश करता है जो न सिर्फ एंटरटेन करते हैं, बल्कि इमोशनल रूप से भी प्रभावित करते हैं। जादू तेरी नज़र-डायन का मौसम के साथ, स्टार प्लस ने एक बार फिर एक दमदार कहानी पेश की है, जहां किस्मत और खतरे का टकराव देखने को मिलेगा।

इस शो में ज़ैन इबाद खान को विहान के रूप में देखा जाएगा, जो एक दावांशी है और उसका अतीत अंधेरे से जुड़ा हुआ है, वहीं खुशबू दुबे गौरी का किरदार निभा रही हैं, जो रीवावंशी कबीले की एक बहादुर सदस्य हैं, और जो बुरे शक्तियों से लड़ने के लिए अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करती हैं। जैसे ही उनकी किस्मत टकराती है, ये दोनों किरदार खतरों, रहस्य और सुपरनैचुरल घटनाओं का सामना करेंगे, और उनकी यात्रा दर्शकों को एक जबरदस्त और दिलचस्प अनुभव देगी।

खुशी दुबे ने अपनी गौरी की भूमिका में जो मेहनत की है, वो सच में तारीफ के काबिल है। गौरी के रोल को सही तरीके से निभाने के लिए खुशी ने कैब ड्राइवर बनकर काम करने के लिए ड्राइविंग सीखी। पहले उन्हें ज्यादा ड्राइविंग का अनुभव नहीं था, लेकिन खुशी ने खुद को इस काम में ढालने के लिए मेहनत की। ये दिखाता है कि वो अपने काम को कितना प्यार करती हैं। अब खुशी अपने नए ड्राइविंग स्किल्स और मेहनत के साथ शो में एक नया रंग भरने के लिए तैयार हैं। हम सबको ये जानने का इंतजार है कि उनका गौरी का किरदार कैसे आगे बढ़ेगा और ड्राइविंग का उनका टैलेंट शो में किस तरह का ट्विस्ट लाएगा।

एक अच्छे पल में ज़ैन ने खुशी से हंसी मजाक करते हुए कहा कि वो इतनी फुर्तीली ड्राइवर हैं कि कार उनके सामने कहीं नहीं टिक पाई, खासकर जब उन्होंने तो उन्हें सिर्फ ड्राइविंग प्रैक्टिस के लिए दिया था। खुशी हंसी में बोलीं, कहती हैं कि कार तो ज़ैन की “खास चीज़” है और उसपर हक तो बस वही रखते हैं, कोई और नहीं, यहां तक कि वो भी नहीं। दोनों मजे में ये देख के हंसे कि ज़ैन अपनी कार से कितने जुड़े हुए हैं, और सब कुछ हंसी मजाक में था।

ख़ुशी दुबे, जो स्टार प्लस के शो “जादू तेरी नज़र – डायन का मौसम” में गौरी का किरदार निभा रही हैं, बताती हैं, “शो में मेरा किरदार गौरी एक कैब ड्राइवर है। असल जिंदगी में मुझे ड्राइविंग का बेसिक नॉलेज था, लेकिन मैं इतनी माहिर नहीं थी। ताकि मेरा किरदार असली लगे और उसे सचमुच महसूस किया जा सके, मैंने इसके लिए ड्राइविंग सीखी। मैंने शहर भर में, खासकर भीड़भाड़ वाले वक्त में ड्राइविंग की प्रैक्टिस की, ताकि मुझे ये समझ सके कि एक कैब ड्राइवर को असल में किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। जब पहली बार मैंने कार का पहिया थामा, तो मुझे थोड़ी घबराहट महसूस हुई, लेकिन जल्द ही मैंने इसे सिख लिया और काफी मजा आया। यह शानदार अनुभव था, और मुझे खुशी है कि मैं इसे अच्छे से निभा पाई।”