नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के कठुआ में 8 साल की बच्ची संग रेप के बाद हत्या मामले में नया खुलासा हुआ है। पुलिस के अनुसार इस बर्बर घटना के पीछे मुख्य आरोपी सांझी राम का हाथ है। पुलिस से पूछताछ के दौरान सांझी राम ने बताया कि उसे बच्ची के साथ रेप के बारे में घटना के चार दिन बाद पता चला। उसने बताया कि जब बच्ची का अपहरण किया गया तो उसके चार दिन बाद मुझे पता चला कि उसके साथ रेप किया गया है और इसके पीछे मेरे बेटे का हाथ है। मैंने अपने बेटे को बचाने के लिए बच्ची की हत्या की योजना बनाई थी।
बेटे को बचाने के लिए कर दी हत्या
मामले की जांच कर रहे अधिकारी ने बताया कि लड़की के साथ 10 जनवरी को रेप हुआ था, इसी दिन राम के भतीजे ने भी बच्ची के साथ रेप किया था। रेप के चार दिन बाद 14 जनवरी को बच्ची को मौत के घाट उतार दिया गया। हत्या के तीन दिन बाद बच्ची का शव 17 जनवरी को जंगल से बरामद किया गया था। इस मामले में राम उसके बेटे के अलावा पांच अन्य आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इस घटना के बाद देशभर के लोगों ने इसके खिलाफ सड़क पर उतरकर विरोध किया था। जिसकी वजह से सरकार को नाबालिग संग रेप के कानून में बदलाव करना पड़ा था।
खुद किया था कबूल
सांझी राम ने पूछताछ के दौरान बताया कि उसे 13 जनवरी को बच्ची संग रेप के बारे में जानकारी मिली, जब खुद उसके भतीजे ने इस बारे में कबूल किया। जांच कर रहे अधिकारी के अनुसार राम ने अपने भतीजे और बेटे को बताया कि वह देवीस्थान में पूजा कर चुका है और उसने अपने भतीजे से कहा कि वह प्रसाद लेकर घर जाए, लेकिन जब वह घर देर से पहुंचा तो उसने उसकी पिटाई कर दी। इसपर भतीजे को लगा कि राम को बच्ची के साथ रेप के बारे में जानकारी मिल गई है, जिसके बाद उसने राम को इस घटना के बारे में बता दिया।
गाड़ी नहीं मिलने की वजह से ले गए देवीस्थान
इसके बाद राम ने लड़की की हत्या करने की योजना बनाई। यही नहीं पूछताछ के दौरान राम ने कहा कि उसने अपने भतीजे को इस बात के लिए राजी किया कि वह अपने जुर्म को कबूल कर ले। हत्या के एक दिन पहले 13 जनवरी को विशाल और उसके दोस्त परवेश लड़की को देवीस्थान से बाहर लेकर गए और एक बार फिर से सउसका रेप किया, जिसके बाद उसकी हत्या कर दी गई। दरअसल आरोपी किसी भी तरह का सबूत नहीं छोड़ना चाहते थे, लिहाजा इन लोगों ने लड़की को हीरानगर नाले के पास ले जाने का फैसला लिया, लेकिन गाड़ी नहीं मिल पाने की वजह से ये लोग शव को फिर से देवीस्थान लेकर गए, जबकि राम इस दौरान इस पूरी नजर बनाए हुए था।