भोपाल ।   जनजाति वर्ग को साधने के लिए कांग्रेस मिशन 2023 के लिए आज रणनीति बनाने जा रही है। इसके लिए आदिवासी वर्ग के विधायकों, पूर्व विधायकों और आदिवासी कांग्रेस के पदाधिकारियों को सुझावों के साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ बैठक ले रहे हैं। बैठक में लगभग दो सौ के लगभग आदिवासी नेता एवं पदाधिकारी शामिल हुए।

बैठक में कमलनाथ ने कहा कि कांग्रेस ने आदिवासियों के लिए सबसे ज्यादा काम किया है। भाजपा सरकार और उसके नेताओं की सोच कभी आदिवासियों का भला करने की नहीं रही है। कांग्रेस ने अपनी 15 महीने की सरकार में भी आदिवासियों के लिए बहुत काम किए। आदिवासी कांग्रेस के पदाधिकारियों को चाहिए कि वे इन वर्ग के लोगों के बीच पहुंचे और कांग्रेस ने उनके लिए जो काम किए हैं उसे बताएं। उन्होंने कहा कि अब आदिवासी युवा जींस और टीशर्ट पहनने वाला समझदार हो चला है। वे जानते हैं कि उनका हित में फैसले कांग्रेस ही ले सकती है।  

गौरतलब है कि प्रदेश की 83 विधानसभा क्षेत्रों में आदिवासियों का वोट निर्णायण माना जाता है। इनमें से 47 सीट इस वर्ग के लिए आरक्षित भी है। जिनमें  चितरंगी, धौहनी, ब्यौहारी, जयसिंह नगर, जैतपुर, अनूपपुर, पुष्पराजगढ़, बांधवगढ़, मानपुर, बडवारा, सिहोरा, शाहपुरा, डिंडौरी, बिछिया, निवास, मंडला, बैहर, बरघाट, लखनादौन, जुन्नारदेव, अमरवाड़ा, पांढुर्णा, घोड़ाडोंगरी, भैंसदेही, टिमरनी, बागली, हरसूद, पंधाना, नेपानगर, भीकनगांव, भगवानपुरा, सेंधवा, राजपुर, पानसेमल, बडवानी, अलीराजपुर, जोबट, झाबुआ, थांदला, पेटलावद, सरदारपुर, गंधवानी, कुक्षी, मनावर, धरमपुरी, रतलाम ग्रामीण, सैलाना शामिल हैं।

कुल 47 सीटों में से कांग्रेस के पास पुष्पराजगढ़, बडवारा, डंडौरी, बिछिया, निवास,बैहर, बरघाट, लखनादौन, जुन्नारदेव, अमरवाड़ा, पांढुर्णा, घोड़ाडोंगरी, भैंसदेही, भीकनगांव, सेंधवा, राजपुर, पानसेमल, अलीराजपुर,झाबुआ, थांदला, पेटलावद, सरदारपुर, गंधवानी, कुक्षी, मनावर, धरमपुरी और सैलाना में विधायक हैं।

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