Mijajilal jain(Swatantr Patrakar)
इंदौर। MP के इंदौर जिले के शासकीय महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय के अधीन 5 अस्पतालों के 250 से ज्यादा जनियर डॉक्टर आज हड़ताल पर हैं। इंदौर जनियर डॉक्टर एसोसिशन के सचिव डॉ गौरव सोनगरा ने बताया कि रेजिडेंट डॉक्टर संघ की राष्ट्रीय कार्यकारणी के आव्हान पर हमने आज हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि हड़ताल के दौरान बाहय रोगी विभाग यानी ओपीडी काम प्रभावित रहेगा । शेष सेवाएं यथावत जारी रहेगी । हड़ताल का मुख्य कारण राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (नीट ) 2021 की लंबित काउंसलिंग को लेकर है ।
एमवाय के गेट पर लामबंद हुए डॉक्टरों ने तख्ती पर लिखा – न्याय बिना सर्विस नहीं। जूडा Doctor सैलरी और अन्य मांगो पर सुनवाई नहीं होने से नाराज चल रहे हैं। उनका कहना है कि पूरे कोरोना काल में उन्होंने ड्यूटी दी है। शुरुआत में उन्हें कहा गया था कि कोविड ड्यूटी करने पर उनकी सैलरी में 10 हजार रुपए और बढ़ा दिए जाएंगे। लेकिन वो रुपए तो नहीं मिले, ऊपर से तीन महीने की बेसिक सैलरी भी अब तक नहीं मिली। बता दें कि इससे पहले भी मार्च और अप्रैल महीने में जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर जा चुके हैं, लेकिन शासन-प्रशासन उनकी सुध नहीं ले रहा है।
मांग नहीं मानी गई तो बढ़ेगा आंदोलन जूडा इंदौर अध्यक्ष डॉ. प्रखर चौधरी ने कहा कि जूनियर डॉक्टरों को मजबूरी में यहां आना पड़ रहा है। हम पिछले एक साल से कोविड काल में काम करते आ रहे हैं। अभी भी कोरोना संक्रमण फैल रहा है, ऐसे में हम अपनी सेवाएं देते रहेंगे। हमारी दिक्कत यह है कि शुरुआत में कोरोना वॉरियर बोलकर हमारा ताली और थाली से सम्मान किया गया, कहा गया कि आपके वेतन में 10 हजार रुपए प्रतिमाह बढ़ोतरी की जाएगी।
10 हजार बढ़ाने की बात तो दूर पिछले तीन महीने से जूनियर डॉक्टरों को बेसिक सैलरी तक नहीं दी गई है। हमारे द्वारा सरकार को दिए गए प्रस्ताव के बाद भी पिछले एक साल से हमारी कोरोना में ड्यूटी लगाई जा रही है। जबकि हमने पैरामेडिकल स्टॉफ, आयुर्वेदिक, होम्योपैथी डॉक्टर जो सक्षम है, उनकी ड्यूटी लगाने का प्रस्ताव दिया था। इसके बाद भी उनकी भर्ती नहीं की जा रही है। हमसे ही सब काम करवाया जा रहा है।
पिछले एक साल से हम लगातार अपनी बात उच्च स्तर पर रखते आ रहे हैं। हम यही कह रहे हैं कि हमारी ड्यूटी कम की जाए, जिससे हम उन मरीजों की भी सहायता का सकें, जो कोविड पेशेंट नहीं हैं। उन्हें बेहतर इलाज मिल सके। जूनियर डॉक्टरों को लगातार नजरअंदाज किया जा रहा है। यदि हमारी मांग नहीं मानी गई तो हम आंदोलन को आगे तक लेकर जाएंगे। हालांकि हम इस प्रकार से आंदोलन को आगे बढ़ाएंगे, जिससे मरीजों को समस्या का सामना नहीं करना पड़े।