सागर । खनिज अधिकारी अनिकेत पडया की शिकायत पर गुरुवार को गोपालगंज थाना में पत्रकार मुकुल शुक्ला पर शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने का मामला दर्ज किया गया। जिसके विरोध में पत्रकारों ने गोपालगंज थाना में जाकर विरोध किया। साथ ही खनिज अधिकारी पर मारपीट और गालियां देने की शिकायत की रिपोर्ट दर्ज करने की मांग की। जब पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की तो पत्रकारों ने लाल स्कूल के सामने चक्काजाम कर दिया। गुरुवार की दोपहर करीब 2 बजे से चक्काजाम कर दिया। करीब आठ घंटे बाद पत्रकार रात में हटे। आज 07 मार्च को पत्रकारों ने पुनः प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। पुलिस के इस रवैए की चारो तरफ निंदा हो रही है। मीडिया जगत में आक्रोश बना हुआ है। अनेक मीडिया संगठनों ने इसकी निंदा की है।
पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव पहुंचे चक्काजाम स्थल

पत्रकारों के चक्काजाम की जानकारी लगते ही सागर से निकल रहे रहली विधायक पं. गोपाल भार्गव चक्काजाम स्थल पहुंचे। जहां उन्होंने पत्रकारों से बात की साथ ही उनकी बात मुख्यमंत्री तक पहुंचाने का आश्वान दिया। पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव ने मौके से ही कलेक्टर और एसपी से चर्चा की . उन्होंने विवाद की घटना को निंदनीय बताया। पत्रकारों द्वारा गुरुवार को लाल स्कूल के सामने चक्काजाम पर प्रशासन और पुलिस ने कोई ध्यान नहीं दिया। करीब 2 बजे से पत्रकारों ने चक्काजाम शुरू किया लेकिन रात 9 बजे तक कोई भी अधिकारी चक्काजाम स्थल पर नहीं पहुंचा था। इस दौरान मुकुल शुक्ला ने केरोसिन तेल डालकर आत्मदाह की कोशिश की। मौके पर मौजूद पत्रकारों ने बचाया।
क्या है पूरा मामला
बुधवार की दोपहर करीब डेढ़ बजे पत्रकार मुकुल शुक्ला खनिज अधिकारी अनिकेत पडया से एक मामले को लेकर बाईट करने उनके कार्यालय पहुंचे। तब खनिज अधिकारी द्वारा उन्हें बाइट देने से इनकार करते हुए उनके साथ गालियां देते हुए मारपीट कर अपने ऑफिस से बाहर निकाल दिया। जिसके वीडियो पत्रकार मुकुल शुक्ला के पास उपलब्ध हैं। इसके दूसरे दिन गुरुवार को खनिज अधिकारी द्वारा गोपालगंज थाने में जाकर पत्रकार मुकुल शुक्ला के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया गया।
पूर्व मंत्री सुरेन्द्र चौधरी ने पत्रकार मुकुल शुक्ला के साथ घटित घटना की कड़ी शब्दों में की निंदा
वरिष्ठ पत्रकार मुकुल शुक्ला के साथ खनिज विभाग के अधिकारी द्वारा अभद्रता करने की घटना की मध्य प्रदेश शासन के पूर्व मंत्री सुरेन्द्र चौधरी ने कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि पत्रकार साथी के साथ घटित घटना की रिपोर्ट थाना गोपालगंज पुलिस द्वारा ना लिखा जाना और रिपोर्ट लिखाने के लिए पत्रकार साथियों के द्वारा कई घण्टों तक प्रदर्शन करने के बाद भी पुलिस द्वारा रिपोर्ट ना लिखना बेहद दुखद और पुलिस प्रशासन की दोषपूर्ण कार्य प्रणाली भी उजागर करता है। श्री चौधरी ने कहा है कि पत्रकार साथी मुकुल शुक्ला के साथ घटित घटना यह कोई पहली घटना नहीं है इसके पूर्व में भी कई पत्रकार साथियों के साथ इस तरह की घटनाएं घटित होने के साथ-साथ उन पर झूठे प्रकरण भी दर्ज किए गए हैं जिसकी जितने कड़े शब्दों में निंदा की जाए उतनी कम है। उन्होंने पत्रकार साथी मुकुल शुक्ला के साथ घटित घटना की सूक्ष्म व निष्पक्ष जांच की जाकर कार्यवाही की मांग की है।