बॉलीवुड के कॉमेडियन एक्टर के तौर पर पहचान बनाने वाले जॉनी लीवर ने फिल्म स्टारों की मिमिक्री करने में महारत हासिल की थी। उनकी इसी खासियत ने उन्हें फिल्मों में आने से पहले कई स्टेज शो करने का मौका दिया। ऐसे ही एक स्टेज शो में सुनील दत्त की उनपर नज़र पड़ी। उन्होने जॉनी लीवर को फिल्म ‘दर्द का रिश्ता’ में पहला ब्रेक दिया और आज ये सिलसिला 350 से अधिक फिल्मों तक पहुंच गया है। ‘दर्द का रिश्ता’के बाद वह ‘जलवा’ में नसीरुद्दीन शाह के साथ देखे गए, लेकिन उनकी पहली बड़ी सफलता ‘बाजीगर’ के साथ शुरू हुई।
फिल्म ‘बाजीगर’ के बाद वो लगभग एक सहायक अभिनेता के रूप में हर फिल्म में हास्य अभिनेता के रोल में देखे गए। इसी बीच जॉनी लीवर की बेटी ने एक इंटरव्यू में अपने पिता के बारे में बात करते हुए कई खुलासे किए। उन्होंने बताया था कि, ‘मेरा पूरा बचपन अकेले बीता है। उस समय पापा अपनी फिल्मों की शूटिंग में बिजी रहते थे। वो एक दिन में पांच फिल्मों की शूटिंग किया करते थे। हमने जॉनी लीवर को रियल लाइफ में हंसते हुए देखा ही नहीं।’
जैमी लीवर आगे बताती हैं कि, ‘जब मैं कॉलेज में थी तो पापा ने सिलेक्टेड काम करना शुरू किया। उस समय वो घर पर रहा करते थे और मुझपर निगरानी रखते थे। वो कई सवाल मुझसे पूछा करते थे। इतनी देर से क्यों जा रही हो? किससे मिलने वाली हो? कब घर लौटोगी? मैं कभी-कभी गुस्से में मम्मी से कहती थी कि पापा हमें क्यों डिसिप्लिन सिखा रहे हैं? यह रोल तो मम्मी का है। उस समय पापा भले लोगों को हंसाया करते थे, लेकिन हमारे लिए तो हिटलर ही थे। लेकिन धीरे-धीरे हमारा बॉन्ड अच्छा होता चला गया।’
जैमी लीवर आगे बताती हैं कि, रियल लाइफ में जॉनी लीवर बेहद ही शांत और सख्त मिजाज के इंसान हैं। वो समय के बहुत पक्के हैं। घर पर रूटीन डिसिप्लिन के साथ रहते हैं। मेरे पिता किताब बहुत पढ़ते हैं। मैं उनसे हमेशा डरकर रहती हूं। पापा नहीं चाहते थे कि मैं इंडस्ट्री में आऊं। वे तो चाहते थे कि मैं पढ़ाई-लिखाई कर सेटल हो जाऊं।’