ये मैंने पहले कभी भी किया नहीं है और ऐसे किरदार को निभाना मेरे सामने एक बहुतही अच्छी चुनौति थी।
ये एक बहुतही सुंदर और सहज कथा है और इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुँचना होगा ये मैं जानती थी। ये मैंने पहले कभी भी किया नहीं है और ऐसे किरदार को निभाना मेरे सामने एक बहुतही अच्छी चुनौति थी। मिली ने मुझे भावनात्मक, मानसिक, शारीरिक, सभी प्रकार से खुद को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और मैं इसे किसी और तरीके से नहीं कर पाती। जब मैं सोचती हूँ, तब ये मेरे ध्यान में आता है कि मेरे सभी किरदार अपनी माँ या पिता से गहराई से जुड़े हुए हैं। शायद जब मैं स्क्रिप्ट पढ़ती हूँ तब यही बात मुझे प्रेरित करती है।
इस फिल्म से दर्शक क्या संदेश लेंगे ऐसी आशा तुम करती हो?
हम जिन लोगों से प्यार करते हैं, उनके लिए हम किस हद तक जा सकते हैं, ये ‘मिली’ में देखने मिलता है। इस में उसका धैर्य, साहस और आशा और आखिर में यह सब किस तरह उसके परिवार के लिए है, यह दिखायी देता है। इस फिल्म में मेरी भूमिका किस तरह अपनें अंदर की ताकत को खोजती है यह देखने मिलता है। लेकिन मैं चाहूँगी कि दर्शक अपनें रिश्तें और ताकतों के बारे में सोचें और उन्हें अच्छा बनाने के लिए कोशिश करें। ‘मिली’ के वर्ल्ड टेलिविजन प्रीमियर के बारे में मैं बहुत ही उत्साहित हूँ। ज्यादा से ज्यादा लोगों तक ये फिल्म पहुँचे और दर्शक इस फिल्म से कनेक्ट हो इसलिए यह बहुतही अच्छा मौका है। मुझे आशा है कि दर्शकों को यह फिल्म पसंद आएगी और उनको प्रभावित करेगी।
क्या बच पाएगी मिली? अब दर्शक जानेंगे.
इस फिल्म में पिता और बेटी का रिश्ता देखने मिलता है। सेट पर मनोज पहवा के साथ तुम्हांरा नाता कैसा था और अपने पिता के साथ आपके रिश्ते के बारे में आप
क्या कहना चाहेंगी?
इस फिल्म में मेरे पिता का किरदार निभानेवाले मनोज पहवा बेहद अच्छे है। वे एक बहुतही अच्छे अभिनेता है और उनकी सादगी के बारे में ज्यादा लोग नहीं जानते। हमारें कितने सारे प्यारे दृश्य एकसाथ थे और हमारा सच में एक अच्छा नाता बन गया था। यह रिश्ता इस फिल्म के मुख्य संकल्पनाओं में से एक है। मेरे पिता के साथ मेरा रिश्ता मेरे लिए बेहद महत्त्वपूर्ण है – वे मेरे लिए जीवन में शक्ति और प्रेरणा का स्रोत है।