– नदी के संरक्षण-संवर्धन पर पांच साल में खर्च होंगे 1741 करोड़ रुपये
भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि क्षिप्रा प्रदेश की पवित्र और ऐतिहासिक नदी है। यह मोक्षदायिनी है। लोगों की आस्था की प्रतीक क्षिप्रा को स्वच्छ और पवित्र बनाए रखना जरूरी है।
मुख्यमंत्री चौहान सोमवार शाम को अपने निवास कार्यालय समत्व भवन में पुण्य-सलिला क्षिप्रा नदी के संरक्षण-संवर्धन पर “अविरल प्रवाह योजना” के प्रस्तुतिकरण के दौरान अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन एसएन मिश्रा सहित वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षिप्रा नदी को पुन: प्रवाहमान करना है। सबसे पहले नदी में गंदा पानी मिलने से रोकना होगा। इसके लिए लांग टर्म प्लानिंग कर रोडमैप तैयार करें। प्लानिंग में जन-समुदाय को भी शामिल कर सहयोग प्राप्त किया जाये। रोडमैप बना कर शीघ्र मेरे समक्ष प्रस्तुत किया जाए।
बैठक में जानकारी दी गई कि नदी के संरक्षण-संवर्धन के लिए पांच साल में 1741 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है। संरक्षण-संवर्धन के तरीकों की जानकारी भी दी गई। साथ ही नदी के आस-पास के क्षेत्र को भी हरा-भरा रखने के लिए किए जा रहे कार्यों के बारे में बताया गया।