जयपुर । क्या वसुंधरा राजे के कारण राजस्थान में भजनलाल शर्मा मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पा रहा है ? जी हां, अब यही चर्चा यहां बीजेपी के प्रदेश कार्यालय और शासन सचिवालय के गलियारों में सुनाई दे रही है । सीएम और दो डिप्टी सीएम को शपथ लिए और पदभार ग्रहण किए हुए 10 दिन से ज्यादा हो गए है, लेकिन दोनों डिप्टी सीएम को नहीं पता कि उन्हें क्या करना है । न तो दोनों डिप्टी सीएम दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा के पास कोई डिपार्टमेंट है, और ना ही सीएम भजनलाल उन्हें किसी बड़ी मीटिंग में अपने साथ बैठा रहे है ।
सीएम भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद पुलिस प्रशासन, ऊर्जा, स्वास्थ्य विभाग के अलावा शासन सचिवालय के प्रशासनिक सचिवों की बैठक ले चुके है । साथ ही सवाई मानसिंह अस्पताल का औचक निरीक्षण करके एमएमएस अस्पताल प्रशासन को चेतावनी दे चुके है । लेकिन दोनों डिप्टी सीएम सिर्फ विकसित संकल्प भारत यात्रा के शिविरों में हिस्सा ले रहे है । वहीं सूत्रों के हवाले से खबर है कि जैसे ही पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को पता चला कि सीएम और डिप्टी सीएम के नामों की तरह नए चेहरे मंत्रिमंडल में सामने आ रहे है, तो राजे अपने समर्थक विधायकों को मंत्री पद देने की मांग को लेकर भाजपा आलाकमान के सामने अड़ी हुई है ।
माना जा रहा है कि कम से कम 35 से 40 विधायक वसुंधरा राजे के खेमे के है और इनमें से राजे चाहती है उनके खास विधायकों को मंत्रिमंडल में तवज्जों मिले । लेकिन भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व ,संघ और प्रदेश नेतृत्व, लोकसभा क्षेत्र के आधार पर मंत्रिमंडल विस्तार करना चाह रहा है । आगामी लोकसभा चुनाव के बाद राजनीतिक नियुक्ति होगी, लेकिन इससे पहले मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राजे अपने कैंप के विधायकों को मंत्री बनाने पर अड़ी हुई है । हालांकि यह बात सामने नहीं आ सकी है , राजे कौन-कौन से खास विधायकों को मंत्री बनाना चाह रही है । वहीं भाजपा के प्रदेश स्तर के नेता यह बयान दे रहे है कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा और राजभवन में तैयारियां पूरी हो चुकी है ।
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी ट्ववीट करके कह चुके है कि जनता में अब निराशा व्याप्त होने लगी है क्योंकि राजस्थान की जनता ने 3 दिसंबर को BJP को स्पष्ट जनादेश दिया पर 24 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक मंत्रिमंडल का गठन नहीं हुआ है जिससे शासन संचालन में ठहराव की स्थिति आ गई है। हर विभाग भी असमंजस की स्थिति में है। जनता देख रही है कि अपनी समस्याओं के समाधान के लिए किन मंत्रियों के पास जाए। जल्द से जल्द मंत्रिमंडल गठन होना चाहिए जिससे सरकार का कामकाज सुचारू रूप से चल सके।