सागर । सागर जिले के बीना विधायक निर्मला सप्रे को लेकर अजीबोगरीब स्थिति बनी जुलाई।लोकसभा चुनाव के समय निर्मला सप्रे कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हो गई। इसको लेकर कांग्रेस ने मध्यप्रदेश विधानसभा में सदस्यता खत्म करने शिकायत दर्ज कराई थी । इसके जवाब में निर्मला ने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई सबूत नहीं पेश किया है, जिससे साबित हो कि उन्होंने दल बदला। इस जवाब से यह तय नहीं हो पा रहा है कि निर्मला सप्रे किस दल में है? इस जवाब को लेकर बीना के कांग्रेसियों ने अनोखा मोर्चा खोला। आज विधायक निर्मला सप्रे के खिलाफ कांग्रेस के नेता सड़क पर उतरे और उनके घर और कार्यालय पर कांग्रेस का झंडा लगाने पर अड़ गए। इसके बाद पुलिस के साथ उनकी झूमाझटकी हुई। पुलिस ने उन्हें वाटर कैनन से खदेड़ दिया।

बीना ने कांग्रेस कार्यकर्ता सर्वोदय चौराहे पर जमा हुए। इसके बाद हाथ में पार्टी का झंडा लेकर सैकड़ों कांग्रेसी विधायक के घर और कार्यालय की ओर बढ़े। यह प्रदर्शन की खबर लगते ही पुलिस और प्रशासन की टीम पहले ही पहुंच गई। अंबेडकर तिराहे पर पुलिस ने बैरिकेटिंग कर दी।  ताकि कोई विधायक के आवास और कार्यालय की ओर न जा सके। चारो तरफ भारी पुलिस बल तैनात रहा। 

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग हटा दी और आगे बढ़ने लगे। इसके बाद पुलिस के साथ उनकी झूमाझटकी हुई। यहां पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल करके कांग्रेस कार्यकर्ताओं को पीछे धकेलने की कोशिश की। हालात को देखते हुए आगासौद, खिमलासा, भानगढ़, खुरई शहरी, खुरई देहात सहित सागर जिले से पुलिस बल भी मंगाया गया।

ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि विधायक निर्मला सप्रे ने 10 अक्टूबर को विधानसभा को जवाब दिया है कि उन्होंने भाजपा की सदस्यता नहीं ली है और न ही कांग्रेस छोड़ी है। जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ी ही नहीं तो उन्हें कांग्रेस के झंडे से क्या आपत्ति हो सकती है। इसके बाद हम झंडा लगाने के लिए जा रहे हैं, लेकिन पुलिस हमें रोक रही है। पुलिस क्यों रोक रही है, ये भी समझ नहीं आ रहा। जब विधायक हमारी ही पार्टी में हैं तो ये हमारी पार्टी का आंतरिक मामला है। इसमें पुलिस का क्या काम? हम कोई हिंसा या उपद्रव भी नहीं कर रहे हैं। हम शांतिपूर्ण ढंग से विधायक से आग्रह करने जा रहे हैं कि आप पार्टी का झंडा लगा लीजिए।

बीना विधायक निर्मला सप्रे के इस्तीफे पर असमंजस के बीच उन्होंने कांग्रेस छोड़ने से इनकार किया है। दलबदल कानून के तहत सदस्यता निरस्त करने संबंधी जवाब से इसका खुलासा हुआ

निर्मला सप्रे ने दस अक्टूबर को विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को जवाब भी भेजा. उन्होंने लिखा कि विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष ने कोई सबूत नहीं भेजा जिससे पता चले कि उन्होंने बीजेपी जॉइन की है. अब विधानसभा अध्यक्ष तोमर दोनों पार्टियों की सुनवाई 21 अक्टूबर को करेंगे.निर्मला सप्रे ने ये कहकर इस्तीफे से इनकार कर दिया है कि वो भाजपा की सदस्य नहीं हैं।

निर्मला का असमंजस : नहीं हो सका उपचुनाव की घोषणा

चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के विजयपुर और बुधनी के उपचुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी है. इन विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को वोटिंग होगी और 23 नवंबर को इसका परिणाम आ जाएगा. लेकिन, इस बीच बीना सीट पर मामल फंसा हुआ है। वैसे तो कांग्रेस विधायक निर्मला सप्रे बीजेपी में शामिल हो चुकी हैं. लेकिन उन्होंने अभी तक विधायक पद से इस्तीफा नहीं दिया है. इस वजह से बीना में उपचुनाव की घोषणा नहीं हो सकी. उन्होंने अभी तक बीजेपी की आधिकारिक सदस्यता नहीं ली है. 

विधायक निर्मला सप्रे ने लोकसभा चुनाव के दौरान 5 मई 2024 को सागर जिले के राहतगढ़ में चुनावी सभा में सीएम  मोहन यादव के समक्ष भाजपा में शामिल हुई थी। लेकिन  बीजेपी की प्राथमिक सदस्यता नहीं ली।इसके बाद निर्मला बीजेपी के कार्यक्रमों में लगातार शामिल भी हो रही है।