मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले आईपीएस अधिकारी हितेश चौधरी के खिलाफ भाजपा ने मोर्चा खोल दिया है। प्रदेश भाजपा ने आईपीएस हितेश चौधरी के स्थानांतरण के लिए निर्वाचन आयोग से मांग की है।
दरअसल, IPS हितेश चौधरी कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी के भाई है और वर्तमान में जीआरपी में पुलिस अधीक्षक के पद पर पदस्थ हैं। उन्हें इस पद पर 3 साल 6 महीने हो चुके हैं। इसे देखते हुए प्रदेश भाजपा के नेताओं ने उनके स्थानांतरण के लिए निर्वाचन आयोग से मांग की है। भाजपा के विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक अशोक विश्वकर्मा ने गुरूवार को मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपकर हितेष चौधरी को चुनाव संबंधी कार्य से हटाने की मांग की है।
विश्वकर्मा ने बताया कि आईपीएस अधिकारी हितेष चौधरी को 4 अक्टूबर 2023 को एक आदेश जारी कर चैधरी को चुनाव संबंधिक कार्य संपादित करने का कार्य सौंपा गया है। उक्त आदेश में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा 2 जून 2023 को पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण के संबंध में जारी की गई गाइडलाइन उल्लंघन किया गया है।
विश्वकर्मा ने बताया कि हितेष चौधरी कांग्रेस विधायक कुणाल चौधरी के भाई हैं। उन्हें जीआरपी में पुलिस अधीक्षक के पद पर पदस्थ हुए तीन वर्ष 6 माह हो चुके हैं। चौधरी कांग्रेस विधायक के भाई हैं, इसलिए उन्हें चुनाव संबंधी कार्य से हटाया जाए और तीन वर्ष से अधिक समय से एक ही पद पर पदस्थ रहने के कारण उनका स्थानांतरण भी किया जाए। बता दे प्रदेश में 2020 में हुए उपचुनाव के दौरान आईपीएस हितेश चौधरी जिला मंदसौर के पुलिस अधीक्षक थे। लेकिन उनका ट्रांसफर रेलवे पुलिस में कर दिया गया था, तब से हितेश चौधरी जीआरपी में पुलिस अधीक्षक के पद पर तैनात है। अब मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होना है, ऐसे में एक बार फिर हितेश चौधरी चर्चाओं का विषय बन गए है।