भोपाल । हाल ही में पुलिस अधीक्षक से डीआईजी बने वर्ष 2009 बैच के कुछ आईपीएस अफसर चाहते हैं कि उन्हें आईपीएस अवार्ड का ईयर 2008 आवंटित किया जाए। इसे लेकर वे लगातार प्रयास कर रहे हैं। अब उन्होंने इसी मामले को लेकर केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) में अपील की है। इस अपील पर अब फाइनल हिअरिंग होना है। जिसमें केंद्र सरकार की ओर से जवाब देना है। इस मामले की एक अपील हाईकोर्ट में भी पेडिंग है।

एक दिन के आधार पर पहुंचे कैट
यह पूरा मामला राज्य पुलिस सेवा से आईपीएस अवार्ड हुए अफसरों का है। वर्ष 2009 बैच के आईपीएस अफसर इसी बैच के कुछ अफसरों को दी गई एक दिन की छूट के आधार पर कैट में पहुंचे हैं। दरअसल, वर्ष 1995 बैच के राज्य पुलिस सेवा के अफसरों ने अपनी नौकरी 2 जनवरी को ज्वाइन की थी, इसलिए जब आईपीएस का बैच अलॉट हुआ तो इन्हें एक दिन की छूट इसमें मिली। इधर अब इसी आधार पर वर्ष 1994 में राज्य पुलिस सेवा की नौकरी ज्वाइन करने वाले एक महीने की छूट चाह रहे हैं। यदि यह छूट मिली तो इन सब को आईपीएस का 2008 बैच आवंटित हो सकता है।

ये अफसर हैं इस बैच में
फॉरेसिंक साइंस लैब के डायरेक्टर एवं डीआईजी  शशिकांत शुक्ला, डीआईजी पुलिस मुख्यालय संतोष  सिंह गौर, डीआईजी बालाघाट मुकेश श्रीवास्तव, डीआईजी ओपी त्रिपाठी, भोपाल ग्रामीण डीआईजी एसपी मोनिका शुक्ला, डीआईजी रतलाम मनोज कुमार सिंह, डीआईजी योजना सुनील कुमार जैन, अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर भोपाल अवधेश गोस्वामी, डीआईजी होमगार्ड  इंदौर महेश चंद्र जैन, डीआईजी एजेके सविता सोनवाने, डीआईजी पीएचक्यू डीआर तेनीवार की ज्वाइनिंग 1994 की है।

यह है पूरा मामला
वर्ष 1994 में नौकरी ज्वाइन करने वाले पुलिस अफसरों की पीएससी की परीक्षा वर्ष 1991 में आयोजित होना थी, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के चलते उस दौरान इसे निरस्त कर दिया, बाद में यही परीक्षा 1992 में हुई। इसका परिणाम फरवरी 1993 में आया। इसके बाद सितंबर 1993 में इन सभी को 1994 फरवरी में ज्वाइन करने के आदेश दिए गए। जबकि इसी पीएससी से राज्य प्रशासनिक सेवा में आए अफसरों को सितंबर 1993 में ही नौकरी ज्वाइन करवा ली गई। एसपीएस अफसरों ने इस आदेश के बाद फरवरी 1994 में नौकरी ज्वाइन की। जबकि उन्हें सीनियरटी 1 जनवरी 1995 के अनुसार दी जा रही है। जबकि दो जनवरी 1995 को ज्वाइंन करने वालों की भी सीनियरटी भी 1 जनवरी 1995 में दी जा रही है।

इसलिए चाहिए पूर्व का बैच
बताया जाता है इस बैच के अफसरों ने दो मांगे की है। पहली मांग तो यह है कि जिस तरह से वर्ष 1995 के एसपीएस अफसरों को आईपीएस बैच आंवटन में दी गई एक दिन की छूट के आधार पर उन्हें भी एक महीने की छूट दी जाए और उनकी सर्विस एक जनवरी 1994 से मानी जाए और उन्हें वर्ष 2008 बैच आवंटित किया जाए। वहीं दूसरी मांग यह भी कि पीएससी परीक्षा उनकी 1992 में हुई थी, इस आधार पर उन्हें वर्ष 2007 आवंटित किया जाए।