इंदौर। चंदन नगर की रहने वाली 17 साल की एक नाबालिग को सौदागर बने इंदौर के ही वर्ग विशेष के पति-पत्नी अपने साथियों के गुजरात लेकर गए और पांच लाख में एक युवक को बेच डाला। नाबालिग के साथ खरीदार युवक ने कई बार बलात्कार किया। नाबालिग जैसे-जैसे वहां से भागी और इंदौर आकर मां को घटना बताई। नाबालिग की मां के साथ कल रात को हिंदूवादी पुलिस के पास पहुंचे और मामले में केस दर्ज करवा दिया। पुलिस ने उसे बेचने वाले दंपति सहित दो अन्य की गिरफ्तारी कर ली है।

चंदन नगर पुलिस ने बताया कि पीडि़ता की उम्र 17 साल है। 5 नवंबर को वह अकेली घर से निकली तो गीता नगर में रहने वाली आयशा उर्फ कोमल और उसका पति आदिल उर्फ गोलू पठान मिले। आयशा को नाबालिग पहले से जानती थी, जिसके चलते उसे देख उससे बात करने लगी। बातों ही बातों में आयशा ने नाबालिग से कहा कि बेटमा में काम है, वहां से आते हैं। नाबालिग आयशा की बात पर भरोसा कर किसी को बताए बिना उनके साथ चली गई। आयशा और आदिल उसे राजमोहल्ला स्थित एक चाय की दुकान पर लेकर गए। वहां पहले से योजनाबद्ध तरीके से आयशा और आदिल के साथी धर्मेंद्र, जीवन, रवि और विमला कार लेकर खड़े थे। फिर सभी ने नाबालिग से कहा कि कहीं घूमकर आते हैं। ये सभी उसे गुजरात के जामनगर लेकर गए और एक गांव के प्रकाश नामक लडक़े को 5 लाख रुपए में बेच आए। प्रकाश ने गांव में ही नाबालिग को बंधक बनाकर रखा और उसका कई दिनों तक शोषण किया। 9 तारीख को नाबालिग गांव से भागी और जामनगर में आकर ट्रेन पकड़ी और अहमदाबाद होते हुए इंदौर आकर मां को पूरी घटना बताई। नाबालिग के अपहरण और रेप के मामले में पुलिस ने आयशा, आदिल और एक महिला सहित एक अन्य को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में पुलिस ने 7 लोगों के खिलाफ कार्रवाई की। पूछताछ में पता चला है कि उक्त नाबालिग को इन लोगों ने प्रकाश के हाथों पांच लाख में बेचा था, जिनमें से चार लाख रुपए उन्हें तत्काल मिल गए थे और एक लाख लेना शेष थे।

हिंदूवादियों ने रात एक बजे दर्ज करवाया केस
इस मामले में कल रात को मुस्लिम समाज की नाबालिग और उसकी मां को पुलिस के पास हिंदूवादी लेकर गए। हिंदूवादी कन्नू मिश्रा, मानसिंह राजावत, सुमित हार्डिया, प्रणीण यादव, मोना व्यास का कहना है कि आरोपियों की एक गैंग है, जो इस तरह मानव तस्करी के मामलों में लिप्त है। हर समाज और धर्म की बेटी को बचाना हमारा मकसद रहता है।