इंदौर। स्वच्छता रैंकिंग के परिणाम नवंबर में आना थे, लेकिन इस साल देरी हुृई। अब इस माह आएंगे। 11 जनवरी को देश के शहरों की स्वच्छता रैंकिंग घोषित होगी। छह साल से लगातार पूरे देश में सबसे साफ शहर रहे इंदौर (Indore) का मुकाबला इस बार कई शहरों से है। नवी मुबंई और सूरत कड़ी दे रहे है, लेकिन इस बार भी लग रहा है कि इंदौर फिर स्वच्छता में सरताज हो सकता है, क्योकि पिछले दिनों दिल्ली की टीम वीडियोग्राफी के लिए इंदौर आई थी, हालांकि इस बार वाटर प्लस में इंदौर को 7 स्टार रेटिंग नहीं मिल पाई है। सूरत शहर पिछले साल नंबर दो पर था। सूरत में डोर टू डोर कचरा, कचरे से खाद बनने सहित कई प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक नगर निगम संचालित कर रहा है। अब देखना होगा कि 11 जनवरी को कौन सा शहर सफाई में पहले स्थान पर रहता है।
स्वच्छता सर्वेक्षण देश के नगरीय निकायों के बीच होता है। हर साल पांच हजार से ज्यादा शहर इसमें हिस्सा लेते है। 2022 में अक्टूबर माह में ही परिणाम आए थे, लेकिन इस बार 2023 के परिणाम नहीं आ पाए। अलग-अलग श्रेणियों में 9 हजार से ज्यादा अंकों में से जो शहर सर्वाधिक अंक लाएगा, वह पहले स्थान पर रहेगा। दो साल से गुजरात राज्य के शहरों ने सफाई पर फोकस किया है। सूरत तो दूसरे नंबर पर पिछले साल था, लेकिन अहमदाबाद, राजकोट, वड़ोदरा ने भी टाॅप टेन में जगह बनाई थी।
इंदौर भले ही छह बार लगातार सफाई में पहली पायदान पर रहा हो, लेकिन शहरवासी स्वच्छता में इस बार कमी महसूस कर रहे है। शहर में धूल के गुबार फिर नजर आने लगे है। इसके अलावा बेकलेन में भी कचरे के ढेर ज्यादा दिखाई देते है, हालांकि शहर की सड़कें साफ रहती है और घर-घर कचरा संग्रहण शत प्रतिशत हो रहा है। यहीं इंदौर की सबसे बड़ी ताकत है। कचरे से खाद और सीएनजी भी इंदौर में तैयार हो रही है। मेयर पुष्यमित्र भार्गव का कहना है कि इस बार भी इंदौर सफाई में पहले स्थान पर रहेगा। इंदौर में वायु प्रदूषण काफी कम हुआ है।