इंदौर। कोरोना में माता-पिता खो चुकी नौ वर्ष की बालिका के साथ मामी ने क्रूरता की सारी हदें पार कर दी। बिस्तर खराब करने पर मामी ने उसे जगह-जगह जला दिया। गुप्तांग भी गर्म चिमटे से दाग दिए। नदी में फेंकने की धमकी दी तो बच्ची घर छोड़कर भाग गई। बरसते पानी में घूमते देख रहवासियों ने बच्ची से हाल पूछे और चाइल्ड लाइन की मदद से थाने भिजवाया। एमआईजी थाना पुलिस ने बच्ची की मामी को गिरफ्तार कर लिया है।
थाना प्रभारी अजय वर्मा ने बताया कि बच्ची मूलत: लखनऊ की है और पिछले वर्ष कोरोना में माता-पिता की मृत्यु हो गई। नेहरु नगर निवासी मामी लक्ष्मी जायसवाल ने बच्ची को गोद ले लिया। लक्ष्मी का पति रामप्रकाश शराब पीने का आदी है और कोई काम भी नहीं करता।
उन्होंने बताया कि कभी-कभी बच्ची बिस्तर पर पेशाब कर देती थी। इस बात पर लक्ष्मी उसके साथ बेरहमी से मारपीट करने लगती थी। कईं बार तो चिमटे से जला देती थी। यहां तक कि उसके गुप्तांग भी दाग देती थी। शनिवार की शाम बच्ची से कहा कि तुझे तो नदी में बहा दूंगी। बच्ची घबरा गई और घर से भाग गई। रात करीब 9 बजे लोगों ने मालवा मील कलाली के समीप भीगते हुए देखा और बच्ची से पूछताछ की। उसके शरीर पर चोट के निशान भी स्पष्ट दिखाई दे रहे थे। वैष्णव देवी भक्त मंडल संस्थापक धर्मेंद्र जोशी, अंकित सिसोदिया, जयू जोशी ने चाइल्ड लाइन हेल्प लाइन पर शिकायत की। काउंसलर मंजू चौधरी, मोनिका वाघाने और नरेंद्र राजपूत बच्ची को लेकर थाने पहुंचे।
बच्ची काफी डरी-सहमी हुई है। गर्दन-चहरें के जख्मों के बारे में पूछा तो कुछ नहीं बोली। थाने में मामी लक्ष्मी को बुलाया गया तो वह थर-छर कांपने लगी। चाइल्ड लाइन व बाल कल्याण समिति सदस्यों के समझाने पर उसने बताया कि मामी उसके साथ मारपीट करती थी। रोने की आवाज बाहर तक न जाएं, इसलिए मुंह में कपड़ा ही ठूंस देती थी।अफसरों ने उसे एमवाय अस्पताल में भर्ती करवा दिया। रहवासियों ने पुलिस पर नाराजगी जताई और कहा ति लक्ष्मी पर मामूली धाराओं में केस दर्ज किया है। लक्ष्मी पर पाक्सो एक्ट की धाराएं नहीं लगाई है। थाना प्रभारी के मुताबिक मेडिकल रिपोर्ट और बच्ची के बयानों के बाद धाराएं बढ़ेगी।
रविवार को लक्ष्मी की गिरफ्तारी की खबर सुनकर रहवासी थाने पहुंच गए। पुलिस को बताया कि लक्ष्मी को उन्होंने भी पिटाई करते हुए देखा है। कईं बार समझाने का प्रयास किया लेकिन उसने यह बोलकर चुप कर दिया कि मेरी ननद की बेटी है। मैं कुछ भी करुं तुम लोग बोलने वाले कौन होते हो।
थाना टीआई अजय वर्मा ने बताया कि अभी तक मामी की भूमिका सामने आई है कि वह बच्ची की बेरहमी से पिटाई करती थी। उसके पति की भूमिका की भी जांच की जा रही है। पीड़िता बालिका बार-बार घटना को याद कर सहम जाती है और रोने लगती है। टीम द्वारा उसकी काउंसलिंग की जा रही है।