इंदौर। मध्य प्रदेश के इन्दौर शहर में गुरुवार रात हुई 25 वर्षीय युवती प्रिया अग्रवाल की हत्या में पुलिस ने आरोपी, मृतका के पति और बच्ची से पूछताछ की गई। इसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। थाने में आरोपी सौरभ ने बताया कि परदेशीपुरा चौराहे पर हुई एक टक्कर के बाद प्रिया से तीन साल पहले दोस्ती हुई थी। वह न पति को छोड़ रही थी न मुझे छोड़ना चाहती थी।
कुछ दिनों पहले उसने मुझसे कहा था कि मैं पति को छोड़ रही हूं। फिर तीन-चार दिन पहले मैंने उसके पति के स्टेटस पर प्रिया के साथ किसिंग वाले फोटो देखे। मुझे गुस्सा आ गया। मैंने फोन लगाकर कहा- जब तू पति को छोड़ रही है तो फिर बिना बताए कहां घूम रही है। ऐसे फोटो का क्या मतलब है। इसी मामले पर बात करने के लिए मैंने उसे मिलने बुलाया था, लेकिन वह बहस कर रही थी। बोली पति को तो छोड़ दूंगी, लेकिन बेटी को नहीं। इसी बात पर विवाद होने लगा। बगीचे में एक कैंची पड़ी दिखी।
मैंने उसे उठाकर उसके गले में घोंप दिया। मुझे लगा कि वह बच जाएगी और उसका पति भी डर जाएगा, लेकिन वह मर गई। मैंने उससे जेवर जरूर लिए थे, लेकिन अंगूठी छोड़कर सब लौटा दिया था। वह लॉकडाउन में मेरे साथ भी रही। कमरा नहीं मिलने के कारण उसे छोड़ना पड़ा था। हमारे कई बार रिलेशन बने। मैं उसकी बेटी को साथ नहीं रखना चाहता था।
प्रिया के पति श्याम ने बताया कि प्रिया के मोबाइल के मैसेज पढ़ने पर मुझे एक साल पहले पता चला कि उसकी सौरभ से दोस्ती है। मैंने आपत्ति ली तो बोली कि मुझे माफ कर दो। वह मुझे परेशान कर रहा है। मैं सब कुछ खत्म कर चुकी हूं। मैंने पूछा- ये कब से परेशान कर रहा है तो बोली एक साल हो गया, लेकिन अभी कुछ मत कहो। फिर मैंने सौरभ से मुलाकात की तो वह धमकाने लगा। हमारी तीन बार इसी विषय पर लड़ाई हुई। उसने मुझे सैकड़ों बार फोन पर धमकाया, लेकिन घर की इज्जत के कारण मैं थाने नहीं गया।
सौरभ मेरे लॉकर से जेवर भी ले गया था, जो उसने वापस नहीं किए। जेवर के लिए फोन करने पर धमकियां देता था। लॉकडाउन में सौरभ के फोन से प्रिया को कॉल आया। मैंने रिसीव किया तो एक महिला की आवाज आई। उसने खुद को सौरभ की मां बताया। बोली कि वह जेवर देने आई है। प्रिया को भेज दो, मैंने कहा- मैं आता हूं तो उसने मना कर दिया। प्रिया ने भी मुझे जाने से रोका। वह खुद गई, तभी सौरभ उसे पीटने लगा। किसी ने 100 डायल पर फोन किया। मैं भी वहां पहुंचा। सिपाहियों ने मामला थाने ले जाने को कहा था, लेकिन परिवार की इज्जत के कारण मामले को वहीं रफा-दफा कर दिया।
प्रिया उसे समझाने का कहकर लॉकडाउन में उसके पास भी गई थी। वह हर बार मेरी हत्या की धमकी देकर उसे बुलाता था। इतना तनाव था कि हम हर बार उसके बारे में ही सोचते थे। मूड फ्रेश करने के लिए कुछ दिनों पहले मथुरा-वृंदावन गए थे। दो दिन पहले ही लौटे थे। प्रिया उससे संबंध तोड़ना चाहती थी, लेकिन वह गुंडा था। मैं क्या करता।
पुलिस ने पांच साल की बेटी से पूछताछ की। उसका कहना था कि मां प्रिया सौरभ अंकल को पापा कहने के लिए कहती थी। मैं कभी उन्हें पापा तो कभी अंकल कहती थी। घटना के वक्त पापा (सौरभ) ने मां से विवाद किया। तीन बार कुछ मारा। फिर एक चाकू निकालकर गले में मार दिया। मां को खून निकलने लगा तो वह चिल्लाते हुए दौड़ी। फिर मैं भी मां के पास पहुंची।
उधर, एएसपी राजेश रघुवंशी के अनुसार प्रिया अग्रवाल हत्याकांड में आरोपी सौरभ गात्रे के अलावा उसका नाबालिग भाई और नाबालिग दोस्त को भी गिरफ्तार किया है। घटना के वक्त वे दोनों सौरभ के साथ आए थे। हालांकि उन्होंने हत्या नहीं की, लेकिन वे आरोपी को रोक सकते थे, इसलिए उन्हें षड्यंत्र का आरोपी माना गया है।