इंदौर. कोरोना संक्रमण (Corona Pandemic) से जूझ रहे इंदौर (Indore) के प्रशासन को लोगों की इम्यूनिटी पावर (immunity power) बढ़ाने की याद आई है. अब लोग 50 दिनों बाद फलों का स्वाद ले पाएंगे. दरअसल, कलेक्टर मनीष सिंह (Collector Manish Singh) ने ज्वॉइन करते ही फलों की बिक्री पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद मंडियों में रखे हजारों क्विंटल फल सड़ गए थे और व्यापारियों को काफी नुकसान उठाना पड़ा था. इंदौर में कोरोना की चेन तोड़ने के लिए कलेक्टर मनीष सिंह ने कई एहतियाती कदम उठाए थे, जिसमें उन्होंने सब्जियों और फलों की सप्लाई तक बंद करा दी थी. लेकिन बड़ी संख्या में बीमार हो रहे लोगों की इम्यून पावर बढ़ाने के लिए फलों की सप्लाई शुरू कराने का फैसला लेना पड़ा है.
हालांकि सब्जियों की तरह फलों की भी होम डिलीवरी की जाएगी, जिसमें हर घर से आर्डर लेकर सप्लाई की जाएगी. शहर में सब्जियों की सप्लाई भी करीब 40 दिनों बाद शुरू की गई थी तब तक लोग आलू और प्याज खाकर काम चला रहे थे.
नगर निगम की कमिश्नर प्रतिभा पाल ने बताया कि शनिवार से फल सप्लाई के आर्डर लिए जाऐंगे और ऑर्डर लेने के 24 से 48 घंटे में सप्लाई कर दी जाएगी. जिस प्रकार से क्षेत्रीय किराना व्यापारियों द्वारा किराना सामग्री और सब्जी नागरिकों के घर घर पर सप्लाई की जा रही है, उसी प्रकार से क्षेत्रीय किराना व्यापारियों द्वारा फलों के आर्डर लेकर नागरिकों को डोर टु डोर घर पर ही फल भी सप्लाई की जाएंगी.
शहर में फलों की सप्लाई के लिए दो तरह की टोकरियां बनाई जाएंगी, जिसमें 100 रुपए कीमत में एक नग तरबूज 4 किलो तक का, एक नग खरबूजा एक से डेढ़ किलो तक रहेगा. वहीं 250 रुपए की कीमत की टोकरी में 2 किलो आम, डेढ़ किलो मौसमी, एक नग पपीता दो से ढाई किलो तक रहेगा. क्षेत्रीय किराना व्यापारी के ऑर्डर पर थोक व्यापारी किराना दुकानदारों को फलों की टोकरी उपलब्ध कराएंगे.